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पुतिन ने अजरबैजान विमान दुर्घटना पर पहली बार स्वीकार की जिम्मेदारी

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अजरबैजान के विमान दुर्घटना पर पहली बार जिम्मेदारी स्वीकार की है। इस घटना में 38 लोगों की जान गई थी। पुतिन ने अजरबैजान के राष्ट्रपति से माफी मांगी और मृतकों के परिवारों को मुआवजे का वादा किया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव को कम करने में मदद करेगा। जानें इस घटना के पीछे की सच्चाई और भविष्य में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की संभावनाएं।
 

पुतिन की माफी और दुर्घटना की स्वीकार्यता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पहली बार यह स्वीकार किया कि दिसंबर 2024 में अजरबैजान का एक विमान रूस की एयर डिफेंस सिस्टम की गलती से दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। यह विमान बाकू से ग्रोज्नी की ओर जा रहा था, जिसमें 67 लोग सवार थे, और इस हादसे में 38 लोगों की जान गई। पुतिन ने बताया कि रूसी हवाई रक्षा ने यूक्रेनी ड्रोन को निशाना बनाने के लिए मिसाइलें छोड़ी थीं, लेकिन वे विमान के पास ही फट गईं, जिससे विमान पश्चिमी कजाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।


अजरबैजान के राष्ट्रपति से माफी और मुआवजे का वादा

पुतिन ने अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव से पहली बार आधिकारिक माफी मांगी और मृतकों के परिवारों को मुआवजे का आश्वासन दिया। पहले, पुतिन ने इस घटना को केवल एक दुखद घटना बताकर जिम्मेदारी लेने से इनकार किया था। इस दुर्घटना के बाद, अजरबैजान ने रूस पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया। दुशांबे में पुतिन और अलीयेव की बैठक के दौरान, अलीयेव ने कहा कि अजरबैजान इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करता है।


विशेषज्ञों की राय और भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की माफी राजनयिक तनाव को कम करने और विश्वास बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम रूस और अजरबैजान के संबंधों को स्थिर करने का संकेत देता है। दोनों देशों को उम्मीद है कि इस घटना से सीख लेकर सुरक्षा उपायों और सहयोग को मजबूत किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।


दुर्घटना से पहले के मजबूत संबंध

इस दुर्घटना से पहले, रूस और अजरबैजान के बीच संबंध काफी मजबूत थे, विशेषकर व्यापार, ऊर्जा क्षेत्र और रणनीतिक साझेदारी में। लेकिन इस हादसे ने विश्वास की नींव को हिला दिया। इसके बाद, अजरबैजान ने अपने नागरिकों की सुरक्षा और रूसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना शुरू कर दिया। रूस में रहने वाले अजरबैजानी समुदाय भी इस घटना के बाद नाराज हो गए थे।