पुणे जमीन विवाद: पार्थ पवार की कंपनी पर गंभीर आरोप
पुणे में जमीन सौदे पर विवाद
अजित पवार और पार्थ पवार
महाराष्ट्र के पुणे में एक जमीन सौदे को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी ‘अमाडेया इंटरप्राइजेज एलएलपी’ पर आरोप है कि उसने सरकारी भूमि को बाजार मूल्य से काफी कम दाम पर खरीदा है। रिपोर्टों के अनुसार, पुणे के मुंधवा क्षेत्र की लगभग 40 एकड़ भूमि, जिसकी कीमत लगभग 1800 करोड़ रुपये है, पार्थ की कंपनी को केवल 300 करोड़ रुपये में दी गई।
आरोप यह भी है कि यह भूमि महार वतन श्रेणी की सरकारी संपत्ति थी, जिसे निजी खरीदार को बेचना कानूनी रूप से निषिद्ध है। सौदे में अनधिकृत पंजीकरण, स्टाम्प ड्यूटी में लगभग 21 करोड़ रुपये की छूट और बिना अनुमति के ट्रांसफर के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले के उजागर होने के बाद तहसीलदार और उप-पंजीयक को निलंबित कर दिया गया है, और विपक्ष ने लगातार हमले किए हैं.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “पार्थ पवार के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। पुणे में बड़े पैमाने पर जमीन घोटाला हो रहा है।” कांग्रेस ने अजित पवार के तत्काल इस्तीफे और एसआईटी जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जो 7 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। फडणवीस ने कहा, “प्रारंभिक रूप से यह मामला गंभीर है, जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
अजित पवार का बचाव
जांच के मामले में अजित पवार ने कहा कि उन्होंने खुद मुख्यमंत्री से जांच की मांग की थी। उनका कहना है कि न तो पार्थ और न ही उनकी कंपनी ने भुगतान किया या कब्जा लिया, इसलिए सौदा अधूरा रह गया और अब इसे रद्द कर दिया गया है।
समाजसेवी अन्ना हजारे ने बिना नाम लिए कहा, “अगर किसी मंत्री का बेटा ऐसा करता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें असली दोष मंत्री का ही है।”
मुख्यमंत्री पर उठे सवाल
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका विभाग भी इस प्रकरण से जुड़ा है, इसलिए उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए। विपक्ष की मांग है कि पार्थ पवार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए और नार्को टेस्ट कराया जाए।