पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा: स्वागत में कमी और राजनीतिक सवाल
यूक्रेन यात्रा के बाद पीएम मोदी का स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया यूक्रेन यात्रा ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। उनकी कीव यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत की तस्वीरें और शांति के संदेश ने दुनिया में उम्मीद जगाई है। जब पीएम मोदी पोलैंड और यूक्रेन के दौरे के बाद स्वदेश लौटे, तो उन्होंने एयरपोर्ट पर साधारण तरीके से अपने विमान से उतरकर गाड़ी में बैठकर पीएम आवास की ओर प्रस्थान किया।
यह ध्यान देने योग्य है कि पहले जब भी पीएम मोदी विदेश यात्रा से लौटते थे, तो भाजपा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता उनका स्वागत करने आते थे। लेकिन इस बार, जब वे यूक्रेन और पोलैंड के महत्वपूर्ण दौरे से लौटे, तो न तो भाजपा अध्यक्ष, न कोई केंद्रीय मंत्री और न ही पार्टी का कोई नेता उनके स्वागत के लिए मौजूद था।
इस स्थिति ने यह सवाल उठाया है कि क्या भाजपा में कोई बदलाव आ रहा है या फिर अब पहले जैसा माहौल नहीं रहा। लोकसभा चुनाव 2024 में 400 सीटों का दावा करने वाली पार्टी अब बहुमत के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाई है। हालांकि सरकार का गठन हो गया है, लेकिन मोदी 3.0 का कार्यकाल अब बैसाखियों पर चल रहा है।
पहले जब कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा से लौटते थे तो भाजपा अध्यक्ष, कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता उनका स्वागत करने पहुँचते थे।
मगर अब जब प्रधानमंत्री यूक्रेन और पोलैंड के महत्वपूर्ण दौरे से लौटे तो ना तो भाजपा अध्यक्ष, ना कोई केंद्रीय मंत्री और ना ही… pic.twitter.com/9ig7YWEaRX
— Neeraj Kumar Dubey (@neerajdubey) August 24, 2024
2024 में जो स्थिति देखने को मिल रही है, वह मोदी 1.0 और 2.0 के समय से भिन्न है। वर्तमान में एनडीए सरकार को हर कदम पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हाल के 12 दिनों में तीन महत्वपूर्ण निर्णयों के कारण सरकार बैकफुट पर नजर आई है। मोदी सरकार को अपने कुछ फैसले वापस लेने पड़े हैं या उन्हें ठंडे बस्ते में डालना पड़ा है। इस बीच, क्या पीएम मोदी की कुर्सी खतरे में है? यह सवाल देश की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्ष लगातार मोदी 3.0 को बैसाखियों की सरकार करार दे रहा है और यह भी दावा कर रहा है कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार कभी भी समर्थन वापस ले सकते हैं। भाजपा की सीटें 303 से घटकर 240 पर आ गई हैं, और यह संख्या मोदी 3.0 का पीछा नहीं छोड़ रही है।