पीएम मोदी का बंगाल दौरा: मतुआ समुदाय और SIR प्रक्रिया पर विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री मोदी का नादिया दौरा
पीएम नरेंद्र मोदी, सीएए और एसआईआर.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक सभा के लिए पहुंचेंगे। यह उनका छह साल बाद का दूसरा दौरा है, जहां उन्होंने पहले CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के तहत शरणार्थियों को स्थायी नागरिकता देने का वादा किया था। अब, यह वादा पूरा हो चुका है और CAA लागू किया जा चुका है। नादिया का यह क्षेत्र मतुआ समुदाय के लिए जाना जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी शरणार्थी निवास करते हैं।
पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया चल रही है, जिसका उद्देश्य अयोग्य मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाना है। इसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम भी शामिल हैं। पीएम मोदी का यह दौरा SIR प्रक्रिया के बीच हो रहा है, जिससे नागरिकता और घुसपैठियों के मुद्दे पर चर्चा बढ़ गई है।
इस सभा में पीएम मोदी के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी उपस्थित रहेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान इस बात पर है कि पीएम मोदी दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद क्या संदेश देंगे, खासकर जब अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी इस चुनाव के लिए पूरी तैयारी कर रही है।
ताहेरपुर में पीएम की सभा और विकास परियोजनाएं
मतुआ बहुल इलाके में पीएम की सभा, करोड़ों की सौगात
ताहेरपुर के नेताजी पार्क मैदान में पीएम मोदी का कार्यक्रम निर्धारित है। उनका विमान सुबह 10:30 बजे कोलकाता में उतरेगा, और वे 10:35 बजे हेलीकॉप्टर से ताहेरपुर के लिए रवाना होंगे। 11:05 बजे वे श्मशान घाट हेलीपैड पर लैंड करेंगे और 11:15 बजे मीटिंग स्थल पर पहुंचेंगे। पीएम मोदी आधे घंटे तक प्रशासनिक बैठक में रहेंगे।
पीएम मोदी 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना का उद्घाटन करेंगे। कृष्णानगर से बाराजगुली तक 68 किलोमीटर के चार लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का काम पूरा हो चुका है, जिसका औपचारिक उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे। इसके अलावा, वे बारासात से बाराजगुली तक 18 किलोमीटर के चार लेन के निर्माण का शिलान्यास भी करेंगे।
बुनकरों का गढ़ और मतुआ समुदाय का महत्व
बुनकरों का गढ़ है फुलिया और शांतिपुर
बीजेपी के सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी इस क्षेत्र में बुनकरों के लिए कोई विशेष संदेश दे सकते हैं। फुलिया और शांतिपुर बुनाई उद्योग के लिए प्रसिद्ध हैं। हाल की सभी सार्वजनिक बैठकों में पीएम मोदी ने बंगालियों की गरिमा के बारे में बात की है, और इस बार ताहेरपुर में चैतन्य महाप्रभु का उल्लेख करने की संभावना है।
बंगाल की सियासत में मतुआ समुदाय की भूमिका अहम
मतुआ समुदाय बंगाल की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 19वीं सदी में हरिचंद ठाकुर द्वारा शुरू किया गया सुधार आंदोलन सामाजिक न्याय और जातिगत समानता पर जोर देता है। यह समुदाय राज्य का दूसरा सबसे बड़ा अनुसूचित जाति समूह है, जो 50 से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रभाव डालता है।
मतुआ समुदाय बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों का एक महत्वपूर्ण समूह है। विभाजन और 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद कई लोग पश्चिम बंगाल में बस गए, लेकिन उनकी नागरिकता पर सवाल उठते रहे। सीएए के माध्यम से इस समुदाय को नागरिकता दी गई है।
पीएम मोदी ने पहले नागरिकता देने का वादा किया था, जिसे पूरा किया गया है। मतुआ समुदाय के प्रमुख नेता शांतनु ठाकुर बीजेपी के सांसद हैं, और इस क्षेत्र में बीजेपी को चुनावों में बढ़त मिली है।