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पितृ पक्ष 2025: पितरों की आत्मा को शांति देने वाले वृक्ष

पितृ पक्ष 2025 में पितरों की आत्मा को शांति देने वाले वृक्षों का रोपण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम उन वृक्षों के बारे में जानेंगे जो पितरों को प्रसन्न करते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि लाते हैं। पीपल, बरगद, बेल, नीम और तुलसी जैसे वृक्षों का रोपण करने से न केवल पितरों को शांति मिलती है, बल्कि यह वंशजों के लिए भी लाभकारी होता है। जानें इन वृक्षों के विशेष महत्व और उनके लाभों के बारे में।
 

पितृ पक्ष का महत्व


पितृ पक्ष 2025: सनातन धर्म में श्राद्ध पक्ष को पितरों के लिए संतोष और शांति का विशेष समय माना जाता है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस समय किए गए अच्छे कार्य, दान, तर्पण और वृक्षारोपण से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। पुराणों में वृक्षों को देवताओं का रूप बताया गया है। जैसे पितरों की आत्माएं तर्पण से संतुष्ट होती हैं, वैसे ही पुण्य वृक्षों का रोपण भी उनके लिए शाश्वत फल देने वाला कार्य माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, यदि कुंडली में पितृ दोष है, तो श्राद्ध पक्ष में शुभ वृक्षों का रोपण करने से दोष की तीव्रता कम होती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


पितृ पक्ष में रोपित करने योग्य वृक्ष

1. पीपल का वृक्ष
शास्त्रों में पीपल को भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है। विष्णु पुराण के अनुसार, पीपल की पूजा करने से पितर स्वर्ग को प्राप्त होते हैं। श्राद्ध पक्ष में पीपल का वृक्ष लगाना बहुत शुभ माना जाता है। यह पितरों की आत्माओं को शांति प्रदान करता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनाए रखता है। ज्योतिष के अनुसार, पीपल पितृ दोष को शांत करने का सबसे प्रभावी उपाय है।


2. बरगद का वृक्ष
बरगद को अमरत्व और वटवृक्ष का प्रतीक माना जाता है। स्कंद पुराण में वर्णित है कि बरगद का वृक्ष लगाने से पितरों की आत्माएं पुनर्जन्म से मुक्त होती हैं। श्राद्ध पक्ष में वटवृक्ष का रोपण करने से कुल के पितर संतुष्ट होते हैं और संतान वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यह वृक्ष दीर्घायु और स्थिरता का प्रतीक भी है।


3. बेल का वृक्ष
बेल का वृक्ष भगवान शिव को प्रिय है और इसे पवित्र वृक्षों में गिना जाता है। शिव पुराण के अनुसार, बेल पत्र अर्पित करने से पितर प्रसन्न होते हैं और कुल में समृद्धि आती है। श्राद्ध पक्ष में बेल का वृक्ष लगाने से पितरों की आत्माएं संतुष्ट होती हैं और वंश में बाधाएं समाप्त होती हैं।


4. नीम का वृक्ष
श्राद्ध पक्ष में नीम का वृक्ष लगाने से पितरों की आत्माएं मोक्ष प्राप्त करती हैं, और वंशजों को स्वास्थ्य और दीर्घकालिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। ज्योतिष के दृष्टिकोण से, यह शनि और राहु से संबंधित दोषों को कम करता है, जो अक्सर पितृ दोष के कारण बढ़ जाते हैं।


5. तुलसी का पौधा
तुलसी को सनातन धर्म में माता तुलसी के रूप में पूजा जाता है। पद्म पुराण और गरुड़ पुराण में वर्णित है कि तुलसी की पूजा और उसके पास दीप जलाने से पितर विशेष रूप से संतुष्ट होते हैं। श्राद्ध पक्ष में तुलसी का पौधा लगाने से पितरों की आत्माओं को शांति मिलती है और परिवार पर लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। यह ज्योतिषीय मान्यता है कि तुलसी का पौधा बृहस्पति का आशीर्वाद लाता है और पितृ दोष को दूर करता है, जिससे बच्चों की खुशियों में वृद्धि होती है।


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