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पिज्ज़ा और चॉकलेट में रेननेट का रहस्य

क्या आप जानते हैं कि पिज्ज़ा और चॉकलेट में एक महत्वपूर्ण एंजाइम रेननेट होता है? यह एंजाइम नवजात बछड़ों के पेट में पाया जाता है और इसके लिए कई बछड़ों की बलि दी जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि रेननेट का उपयोग कैसे किया जाता है और इसके पीछे की सच्चाई क्या है। क्या आप अगली बार पिज्ज़ा खाने से पहले इसके बारे में जानने के लिए तैयार हैं?
 

पिज्ज़ा और चॉकलेट में रेननेट का उपयोग


पिज्ज़ा और चॉकलेट में एक महत्वपूर्ण तत्व होता है जिसे रेननेट कहा जाता है। यह एक एंजाइम है, जिसे हिंदी में जामन भी कहा जाता है। यह एंजाइम नवजात बछड़े के पेट के चौथे हिस्से में पाया जाता है।



रेननेट अन्य जानवरों जैसे बकरियों और भेड़ों के पेट में भी पाया जाता है। यह कई एंजाइमों का मिश्रण होता है, जो इन जानवरों को अपने माँ के दूध को पचाने में सहायता करता है। पिज्ज़ा के पनीर को बनाने में रेननेट का उपयोग किया जाता है, और इसे प्राप्त करने के लिए या तो जुगाली करनी होती है या बछड़े को मारकर उसके पेट से निकाला जाता है। यह मांस उत्पादन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कभी-कभी रेननेट की मात्रा कम होती है, और इसके साथ पेप्सिन होता है, जो विशेष प्रकार के दूध या पनीर बनाने में सहायक होता है।



हर जुगाली करने वाला प्राणी अपनी प्रजाति के दूध को पचाने के लिए रेननेट का निर्माण करता है। पिज्ज़ा और चॉकलेट बनाने वाली कंपनियाँ इस एंजाइम को प्राप्त करने के लिए कई बछड़ों की बलि देती हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे पिज्ज़ा या चॉकलेट का सेवन करने से पहले इन सामग्रियों के बारे में जानें। अगली बार जब आप पिज्ज़ा खाएं, तो पनीर बनाने की प्रक्रिया के बारे में अवश्य पूछें। हाल ही में एक बड़ी विदेशी चॉकलेट कंपनी ने स्वीकार किया था कि उनकी चॉकलेट में बछड़े का मांस होता है!



यदि किसी को मेरी बातों पर संदेह है, तो वे नीचे दिए गए लिंक पर जाकर देख सकते हैं।


यदि आप नहीं पढ़ सकते, तो बस गूगल पर "calf slaughter images for the rennet" लिखकर खोजें, आपको सच्चाई का पता चल जाएगा।


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