पालघर में नाबालिग बांग्लादेशी लड़की का देह व्यापार से बचाव
नाबालिग का बचाव और मानव तस्करी का मामला
महाराष्ट्र के पालघर जिले के नायगांव में एक नाबालिग बांग्लादेशी लड़की को देह व्यापार के एक गिरोह से सुरक्षित निकाला गया है, जिससे पुलिस और मानवाधिकार संगठनों में हड़कंप मच गया है। पीड़िता ने बताया कि पिछले तीन महीनों में उसे लगभग 200 पुरुषों द्वारा यौन शोषण का शिकार बनाया गया। यह घटना मानव तस्करी और नाबालिगों के यौन शोषण की गंभीरता को उजागर करती है।
छापेमारी का विवरण
26 जुलाई को मिरा-भाईंदर वसई-विरार पुलिस की मानव तस्करी रोधी इकाई (AHTU) ने गैर सरकारी संगठनों 'एक्सोडस रोड इंडिया फाउंडेशन' और 'हार्मनी फाउंडेशन' के सहयोग से नायगांव में एक फ्लैट पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में नाबालिग को बचाया गया और अब तक 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुख्य आरोपी मोहम्मद खालिद अब्दुल बापारी, एजेंट जुबेर हारुन शेख और शमीम गफ्फार सरदार शामिल हैं।
तस्करी का तरीका
पुलिस के अनुसार, नाबालिग ने सुधार केंद्र में दिए अपने बयान में बताया कि उसे पहले गुजरात के नाडियाड में लाया गया, जहां उसके साथ यौन शोषण किया गया। हार्मनी फाउंडेशन के अध्यक्ष अब्राहम मथाई ने कहा कि लड़की स्कूल में एक विषय में फेल होने के बाद घर से भाग गई थी। एक परिचित महिला ने उसे अवैध रूप से भारत में लाने में मदद की और फिर उसे देह व्यापार में धकेल दिया।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में 33 और 32 वर्ष की दो महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर नाबालिग को बांग्लादेश से भारत में लाने में मदद की थी। अब तक कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों ने नाबालिग को बेहोश करने वाली दवाइयां दीं और उसे देह व्यापार में धकेलने के लिए गर्म चम्मच से दागा। यह गिरोह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय था और बांग्लादेश से भारत में नाबालिग लड़कियों की तस्करी करता था।
पुलिस की कार्रवाई
एमबीवीवी पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक ने कहा कि पुलिस पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने और असुरक्षित महसूस करने वाले किशोरों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि किशोरी के आरोपों की पुष्टि की जा रही है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (IPC), अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO), किशोर न्याय अधिनियम, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।