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पानीपत में महिला के झूठे आरोपों की जांच में सच्चाई सामने आई

पानीपत में एक महिला ने अपने पति और ससुर पर गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन जांच में सभी आरोप झूठे साबित हुए। महिला ने दहेज प्रताड़ना, गर्भपात और छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे, लेकिन पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आई। जानें इस मामले की पूरी कहानी और कैसे महिला के आरोपों को बेबुनियाद पाया गया।
 

महिला के आरोपों की जांच में मिली सच्चाई


पानीपत के सेक्टर-29 थाने में एक महिला ने अपने पति और ससुर पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें गर्भपात, अवैध संबंध और दहेज प्रताड़ना शामिल थे। हालांकि, जांच में सभी आरोप झूठे साबित हुए हैं। महिला ने यह भी कहा था कि ससुराल में टॉयलेट की कमी के कारण उसके रिश्ते में खटास आई, लेकिन यह भी जांच में गलत पाया गया। पुलिस ने दो साल आठ महीने बाद मामला खारिज करते हुए महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।


महिला ने शिकायत में बताया था कि उसकी शादी 3 फरवरी 2013 को झज्जर के सोमबीर से हुई थी। उसने आरोप लगाया कि शादी में उसके पिता ने 30 लाख रुपये खर्च किए और 15 तोले सोना दिया। आरोप था कि ससुराल वालों ने बारात से पहले 15 लाख रुपये नकद लिए और शादी के बाद उसे कम दहेज लाने पर प्रताड़ित किया।


महिला ने यह भी कहा कि उसके पति के भाभी के साथ अवैध संबंध हैं, जिसके चलते उसे प्रताड़ित किया गया। जब वह गर्भवती थी, तो उसे गर्भपात की दवाई दी गई, जिससे उसका गर्भपात हो गया। ससुराल वालों ने उससे 30 लाख रुपये की मांग की।


महिला ने अपने ससुर पर छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया था। पुलिस ने पति, सास, ससुर और अन्य पर मामला दर्ज किया। लेकिन डीएसपी वीरेंद्र सैनी की जांच में सभी आरोप झूठे पाए गए।


महिला ने गृहमंत्री अनिल विज से भी शिकायत की थी, लेकिन जांच में वह झूठी पाई गई। सोमबीर के वकील ने बताया कि महिला ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर कनाडा भाग गई थी। उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया और अब वह जमानत पर बाहर है।


महिला के सभी आरोप झूठे साबित होने के बाद पुलिस ने मामला खारिज कर दिया और महिला के खिलाफ कार्रवाई की।