पाकिस्तान में आर्मी चीफ आसिम मुनीर की छवि में गिरावट
व्हाइट हाउस की मेहमाननवाजी के बाद बदले हालात
हाल ही में व्हाइट हाउस से मिली आमंत्रण और वहां की भव्य मेहमाननवाजी के बाद, पाकिस्तान की मीडिया ने अपने आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को एक नायक के रूप में प्रस्तुत किया। लेकिन यह खुशी का समय जल्दी ही निराशा में बदल गया है। अब स्थिति यह है कि पड़ोसी देश के लोग अपने आर्मी चीफ को आलोचना का निशाना बना रहे हैं।
नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन की मांग
यह घटना तब चर्चा में आई जब पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामांकित किया। इस नामांकन में पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की महत्वपूर्ण भूमिका थी, जिन्होंने 18 जून 2025 को व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात के दौरान इसका समर्थन किया।
सोशल मीडिया पर मुनीर के खिलाफ सवाल
हालांकि, अमेरिका ने ईरान पर हमला कर दिया है और इजरायल-ईरान युद्ध में सक्रिय रूप से शामिल हो गया है। ऐसे में पाकिस्तान के लोग अब सोशल मीडिया पर मुनीर से सवाल पूछ रहे हैं—क्या यही आपका शांति का दृष्टिकोण था? इस समय मुनीर के बारे में कई मीम्स भी वायरल हो रहे हैं।
आसिम मुनीर की आलोचना
पाकिस्तानी पत्रकार अमीर अब्बास ने टिप्पणी की कि यह वही ट्रंप हैं, जिन्हें कभी पीएमएल-एन नेता ख्वाजा साद रफीक ने चंगेज खान और हिटलर कहा था। अब वही ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित हो रहे हैं। यह शर्मनाक और डरपोक निर्णय किसके द्वारा लिया जा रहा है?
किसी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को नहीं, बल्कि आसिम मुनीर को शर्म आनी चाहिए। एक अन्य व्यक्ति ने जनरल जिया-उल-हक और परवेज मुशर्रफ का हवाला देते हुए कहा कि फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान आर्मी और ISI के लिए इस्लामी एकता और भाईचारा कोई मायने नहीं रखता। उनके लिए केवल अमेरिकी डॉलर की अहमियत है।
एक पाकिस्तानी ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिकी हमला सफल होता है, तो उसके रेडिएशन का प्रभाव पाकिस्तान समेत पूरे क्षेत्र पर पड़ेगा, जिससे करोड़ों लोगों की जान जा सकती है। तानाशाह आसिम मुनीर इस परमाणु हमले में समान रूप से जिम्मेदार होंगे।