पाकिस्तान की घुसपैठ की नई साजिश, सुरक्षा बलों की सतर्कता बरकरार
पाकिस्तान की घुसपैठ की कोशिशें
जब भी पाकिस्तान भारत से मुंह की खाता है, वह घुसपैठ जैसी कायराना हरकतें करता है और निर्दोष लोगों की जान लेता है। यह देश हमेशा से ऐसी नापाक गतिविधियों में लिप्त रहा है। हाल ही में, सीमाओं पर हाई अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि पाकिस्तान एक बार फिर से बड़े पैमाने पर घुसपैठ की योजना बना रहा है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक अशोक यादव ने शनिवार को बताया कि सीमा पार से आतंकवादी कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं और किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए तैयार हैं।
यादव ने संवाददाताओं से कहा कि सर्दियों की शुरुआत से पहले घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशें आमतौर पर बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा, “बर्फबारी से पहले घुसपैठ की कोशिशें होती हैं। अभी लगभग दो महीने बाकी हैं और नवंबर तक घुसपैठ की आशंका बनी रहती है।”
इस दौरान आतंकवादी अधिक सक्रिय रहते हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता के कारण घुसपैठ करना बहुत कठिन है। उन्होंने बताया कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दूसरी ओर मौजूद हैं और घाटी में घुसपैठ के अवसर की तलाश में हैं। बीएसएफ के अधिकारियों ने कहा, “बांदीपोरा और कुपवाड़ा सेक्टरों में एलओसी के पार आतंकवादी सक्रिय हैं। वे घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमारी सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी है। कई बार वे खराब मौसम का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।”
घुसपैठ की कोशिशें लगातार होती रहती हैं और हम हर स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यादव ने कहा कि सेना और बीएसएफ नियंत्रण रेखा पर अत्याधुनिक निगरानी उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “सेना के साथ मिलकर हम एलओसी पर मजबूती से नियंत्रण बनाए हुए हैं। इस वर्ष सुरक्षा बलों ने अब तक घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम किया है। हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करना बेहद कठिन है, क्योंकि हम पूरी सतर्कता से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। हमारे पास नई तकनीक और निगरानी के अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध हैं।”