पाकिस्तान की कलश घाटी: महिलाओं की अनोखी स्वतंत्रता और संस्कृति
कलश घाटी की अनोखी परंपराएं
दुनिया भर में 200 से अधिक देश हैं, और हर एक की अपनी विशेष मान्यताएं हैं, जो सुनने में अजीब लग सकती हैं। इनमें से कुछ परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं।
पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जहां की महिलाओं की सुंदरता की चर्चा अक्सर होती है। लेकिन यहां की कुछ प्रथाएं सुनकर हर कोई चौंक सकता है।
पाकिस्तान के चित्राल जिले में कलश घाटी स्थित है, जहां की महिलाओं को अपनी पसंद के प्रेमी चुनने की स्वतंत्रता है। शादी के बाद भी, यदि उन्हें किसी अन्य पुरुष से प्रेम हो जाए, तो वे उसके साथ भाग सकती हैं।
कलश घाटी की महिलाएं अपनी मर्जी की मालिक होती हैं। वे अपने माता-पिता के समर्थन से अपने फैसले लेती हैं। इस जनजाति की अनोखी संस्कृति उन्हें पाकिस्तान के अन्य हिस्सों से अलग बनाती है।
कलश घाटी के लोग अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध हैं और इन्हें कलाशा या काफिर भी कहा जाता है। इनकी शारीरिक बनावट पश्तूनों से भिन्न है, और इन्हें सिकंदर महान के वंशज माना जाता है।
कलश लोग अपने पूर्वज शालक शाह को मानते हैं, जो सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस से जुड़े हुए थे।
एक और मान्यता है कि कलश लोग सिकंदर की सेना से पीछे रह गए थे और तब से उन्होंने कलश घाटी को अपना निवास बना लिया।
यहां की महिलाएं बिना परदा के पुरुषों के साथ बाहर जाती हैं और उनसे बातचीत करने में कोई रोक नहीं है।
हालांकि, मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं को गांव के बाहर एक विशेष भवन में रहना होता है, जिसे 'बलाशेनी' कहा जाता है।
इन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान गांव में आने की अनुमति नहीं होती, लेकिन वे खेतों में काम कर सकती हैं।
शादी के बाद, महिलाएं अपने पति को छोड़ सकती हैं। यदि किसी महिला को कोई अन्य पुरुष पसंद आ जाए, तो वह उसके साथ भागकर शादी कर सकती है।
हालांकि, इस प्रक्रिया में एक रिवाज है कि जब कोई महिला अपने पहले पति को छोड़ती है, तो नए पति को पहले पति द्वारा खर्च की गई राशि का दोगुना देना होता है।