पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में उग्र प्रदर्शन, इंटरनेट सेवा ठप
पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में प्रदर्शन की स्थिति
पाकिस्तान के अधीन कश्मीर (PoK) में नागरिकों ने सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। यह विरोध इतना बढ़ गया है कि पूरे क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई हैं। स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, और कई जिलों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं। इस दौरान दो प्रदर्शनकारियों की मौत ने लोगों के गुस्से को और भड़का दिया है.
बंधक बनाए गए पुलिस अधिकारी
इस बीच, खबरें आ रही हैं कि प्रदर्शनकारियों ने 164 पुलिस अधिकारियों को बंधक बना लिया है। पाकिस्तानी सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोग सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जारी रखे हुए हैं.
प्रशासन के प्रति नाराजगी
PoK में हो रहे ये विरोध प्रदर्शन दर्शाते हैं कि वहां की जनता राजनीतिक दमन, आर्थिक शोषण और प्रशासन की जबरदस्ती से बेहद नाराज़ है। यह विरोध प्रदर्शन आटे की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन अब यह विद्रोह का रूप ले चुका है। कश्मीर संयुक्त नागरिक कमेटी ने सरकार को 38 मांगों की एक सूची सौंपी है, जिसमें विधानसभा की आरक्षित सीटों को समाप्त करना और वीआईपी कल्चर खत्म करने की मांग शामिल है.
प्रदर्शन के कारण
यह विरोध प्रदर्शन दो साल पहले शुरू हुआ था, जब लोगों ने आटे और बिजली की नियमित आपूर्ति की मांग की थी। अब इसमें कश्मीर के उच्च वर्ग को मिले विशेष अधिकारों में कटौती, विधानसभा सीटों में आरक्षण खत्म करने और मुफ्त स्वास्थ्य-शिक्षा की सुविधाओं की मांग शामिल हो गई है। जम्मू-कश्मीर संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी (JKJAC) का आरोप है कि सरकार पिछले समझौते को पूरा नहीं कर पाई है, जिसके कारण यह विरोध हो रहा है.
ताज़ा घटनाक्रम
कोटली / दादयाल
जम्मू-कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी (JKAAC) का काफिला रावलाकोट और मीरपुर से दादयाल पहुंचा। स्थानीय प्रशासन ने दादयाल में रास्ता रोकने के लिए कंटेनर रखे। प्रदर्शनकारियों ने रुकावटें हटाकर मुजफ्फराबाद की ओर मार्च जारी रखा.
मुज़फ़्फ़राबाद
लाल चौक पर हिंसक झड़पें हुईं। पाकिस्तानी पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसमें दो लोगों की मौत और कई घायल हुए। JKAAC नेताओं ने मोबाइल सेवाएं बहाल करने की मांग की और चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर वे संचार टावर गिरा देंगे.
रावलाकोट
यहां एक बड़ी जनसभा हुई, जिसमें लोग कश्मीर और उसके प्राकृतिक संसाधनों पर हक की मांग कर रहे थे। रावलाकोट पहले ISI के आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब लोग पाकिस्तान सरकार की नीतियों के खिलाफ खुलकर सामने आ रहे हैं.
बाग
बाग जिले में भी हिंसक झड़पें हुईं। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्थानीय लोगों ने पंजाब पुलिस के कई जवानों को पकड़ लिया है.
1 अक्टूबर की तैयारी
JKAAC नेताओं ने सभी जिलों से लोगों को 1 अक्टूबर को मुज़फ़्फ़राबाद की ओर कूच करने का आह्वान किया है, जिससे हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है.