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पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट की जांच के लिए केंद्र से आएंगे सूक्ष्म पर्यवेक्षक

पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग ने केंद्र से सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की तैनाती का निर्णय लिया है। ये अधिकारी मतदाता फॉर्मों की जांच करेंगे और किसी भी गड़बड़ी की पहचान के लिए सुनवाई की प्रक्रिया का निरीक्षण करेंगे। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और क्या जानकारी दी गई है।
 

पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया

बंगाल में एसआईआर.

पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का कार्य चल रहा है। चुनाव आयोग राज्य में मतदाताओं द्वारा प्रस्तुत फॉर्मों की जांच कर रहा है। इस प्रक्रिया में आयोग ने सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है और इसके लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों को सूक्ष्म पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्त करने की योजना बनाई है।

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि सूक्ष्म पर्यवेक्षण के लिए ग्रुप-बी या उससे उच्च श्रेणी के अधिकारियों का एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के एक प्रतिनिधि ने कहा, “ये सूक्ष्म पर्यवेक्षक बीएलओ द्वारा अपलोड किए गए गणना फॉर्मों की डिजिटल जांच करेंगे। इसके साथ ही, मतदाताओं द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की भी समीक्षा करेंगे और किसी भी गड़बड़ी की पहचान के लिए सुनवाई की प्रक्रिया का निरीक्षण करेंगे।”

विशेष ड्यूटी के लिए भुगतान की व्यवस्था

उन्होंने यह भी बताया कि सूक्ष्म पर्यवेक्षक मतदाता सूची पर्यवेक्षकों और विशेष मतदाता सूची पर्यवेक्षकों की सहायता करेंगे। जिला मजिस्ट्रेट इन सूक्ष्म पर्यवेक्षकों को सभी आवश्यक लॉजिस्टिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करेंगे। इसके अलावा, 16 फरवरी तक उनकी सेवाओं के लिए उचित भुगतान भी किया जाएगा।

केंद्र से अधिकारियों की तैनाती

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि सूक्ष्म पर्यवेक्षक जल्द ही पश्चिम बंगाल पहुंचेंगे। जब उनसे पूछा गया कि कितने अधिकारियों को सूक्ष्म पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में जानकारी बाद में साझा की जाएगी।

मनोज अग्रवाल ने आगे कहा, “सूक्ष्म पर्यवेक्षक कई बैचों में पश्चिम बंगाल आएंगे और इस महीने से कार्य प्रारंभ कर देंगे।” एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सूक्ष्म पर्यवेक्षक क्रिसमस के बाद की सुनवाई में भी शामिल होंगे। लगभग 3,000 सूक्ष्म पर्यवेक्षक नियुक्त किए जा सकते हैं।