पश्चिम बंगाल में राज्यपाल ने राजभवन में की तलाशी, टीएमसी सांसद के आरोपों का जवाब
राजभवन में सुरक्षा जांच का अभियान
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन में हथियारों और गोला-बारूद की जांच के लिए सुरक्षा बलों की एक टीम का नेतृत्व किया। इस तलाशी में कोलकाता पुलिस, केंद्रीय बल, बम स्क्वाड और डॉग स्क्वाड शामिल थे। बोस ने उत्तर बंगाल का दौरा बीच में ही छोड़कर यह कदम उठाया। यह कार्रवाई टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद की गई, जिसमें उन्होंने बोस पर राजभवन में भाजपा के अपराधियों को शरण देने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में राज्यपाल ने अपनी कड़ी आपत्ति व्यक्त की।
राजभवन परिसर को खाली कराया गया
तलाशी के दौरान राजभवन परिसर को पूरी तरह से खाली कराया गया, और आम लोगों तथा पत्रकारों को इस अभियान में शामिल होने की अनुमति दी गई। बोस ने बनर्जी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सांसद द्वारा लगाए गए आरोप भड़काऊ और गैर-जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि मैंने राजभवन को सार्वजनिक जांच के लिए खोलने का निर्णय लिया है। सुबह 5 बजे से नागरिक समाज के प्रतिनिधि और मीडिया राजभवन का दौरा कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यहां हथियारों और गोला-बारूद का कोई भंडार है, जैसा कि सांसद ने झूठा दावा किया है।
राज्यपाल और टीएमसी के बीच विवाद
यह पहली बार नहीं है जब राज्यपाल और टीएमसी के बीच विवाद हुआ है। यह टकराव लंबे समय से जारी है, और इस बार एसआईआर के मुद्दे पर यह और भी बढ़ गया है। राज्यपाल एसआईआर का समर्थन कर रहे हैं, जबकि टीएमसी इसका विरोध कर रही है। टीएमसी का आरोप है कि यह चुनावी धांधली का एक अदृश्य रूप है। दूसरी ओर, बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी घुसपैठियों की रक्षा के लिए एसआईआर का विरोध कर रही हैं। राज्य में पिछले 12 दिनों से एसआईआर चल रहा है, जिसमें वोटर सत्यापन किया जा रहा है।