पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव रखने का विवादित बयान
तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने की घोषणा की है, जो अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ध्वंस की 33वीं वर्षगांठ है। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में विवाद उत्पन्न कर दिया है, जहां भाजपा ने कबीर पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है। कांग्रेस और धार्मिक नेताओं ने भी इस पर अपनी आपत्ति जताई है। कबीर के इस कदम को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
Nov 23, 2025, 15:40 IST
हुमायूं कबीर का विवादास्पद ऐलान
तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने एक बयान देकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में एक 'बाबरी मस्जिद' की नींव रखने की योजना का ऐलान किया है। यह तारीख अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ध्वंस की 33वीं वर्षगांठ है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कबीर ने कहा, 'हम 6 दिसंबर को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखेंगे। इसे पूरा होने में तीन साल लगेंगे। इस कार्यक्रम में कई मुस्लिम नेता शामिल होंगे।' उनके इस बयान ने राजनीतिक और धार्मिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं।
भाजपा का आरोप
भाजपा ने लगाए 'तुष्टिकरण की राजनीति' के आरोप
भारतीय जनता पार्टी ने टीएमसी विधायक के इस कदम की कड़ी निंदा की है। भाजपा प्रवक्ता यासर जिलानी ने कबीर पर चुनावी लाभ के लिए जानबूझकर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया।
जिलानी ने कहा, 'टीएमसी नेता, विशेषकर हुमायूं कबीर, नफरत की राजनीति के लिए जाने जाते हैं। वह केवल तुष्टिकरण के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें पता है कि लोग उन्हें चुनावों में खारिज कर देंगे, इसलिए वे वोट बैंक बचाने के लिए सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।'
कांग्रेस और धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस और धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी और ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने सवाल उठाया, 'मस्जिद बनाना ठीक है, लेकिन ख़ास तौर पर 'बाबरी मस्जिद' ही क्यों? जो विवाद पहले ही सुलझ चुका था, उसे राजनीतिक लाभ के लिए फिर से खोला जा रहा है। हमारा रिश्ता बाबर से नहीं, बल्कि शिवाजी महाराज से है।'
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, 'मस्जिद कोई भी बना सकता है, उसका बाबरी से क्या लेना-देना है? अगर वे मस्जिद बनाना चाहते हैं, तो वे आगे बढ़कर बना सकते हैं।'
ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने धार्मिक दृष्टिकोण से जवाब देते हुए कहा कि एक बार किसी स्थान पर मस्जिद बन जाने के बाद, वह हमेशा मस्जिद ही रहती है। भले ही भारत में बाबरी मस्जिद के नाम पर सैकड़ों मस्जिदें बन जाएं, लेकिन अयोध्या में असली बाबरी मस्जिद की अहमियत कभी खत्म नहीं हो सकती।