पश्चिम बंगाल में कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए नियमों का मसौदा
महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता
पश्चिम बंगाल सरकार ने कामकाजी महिलाओं, विशेषकर रात की पाली में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नए नियमों का मसौदा तैयार किया है। इसमें संस्थानों में अनिवार्य शिकायत समितियों का गठन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रावधान शामिल है, जैसा कि एक अधिकारी ने बताया।
नए नियमों के अनुसार, किसी भी संस्थान में महिला कर्मचारियों के लिए रात की पाली में काम करना अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही, संस्थानों को रात में कार्यालय आने-जाने के दौरान महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
ये प्रस्तावित नियम उस घटना के एक साल बाद पेश किए गए हैं, जिसमें सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की गई थी। अधिकारी ने बताया कि मसौदा नियमों में कुल 22 मुद्दों की पहचान की गई है।
मसौदे में कहा गया है कि रात की पाली रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक होगी और कम से कम 10 महिलाएं या कुल पाली में कार्यरत कर्मचारियों की एक-तिहाई संख्या, जो भी अधिक हो, एक साथ मौजूद रहनी चाहिए।
इसके अलावा, महिला कर्मचारियों के लिए विश्राम क्षेत्र और कैंटीन की व्यवस्था करने का भी प्रस्ताव है, ताकि उन्हें कार्यालय परिसर से बाहर न जाना पड़े।
अधिकारी ने बताया कि कार्यालय के प्रवेश और निकास द्वारों के साथ-साथ गलियारों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने की आवश्यकता होगी।
प्रस्तावित नियमों में कार्यस्थल पर एक आंतरिक शिकायत समिति के गठन का भी प्रावधान है, जो यौन उत्पीड़न के मामलों को सख्ती से निपटाएगी।
समिति के सदस्यों को हर तीन महीने में ऐसी शिकायतों के समाधान के लिए बैठक करनी होगी। यदि कोई संस्थान ऐसा नहीं करता है, तो श्रम कानूनों के तहत उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है और कुछ मामलों में उसकी परिचालन मंजूरी भी रद्द की जा सकती है।
पिछले साल अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना के बाद से, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर जोर दे रही हैं।