पश्चिम बंगाल में एसआईआर के खिलाफ ममता बनर्जी का प्रदर्शन
ममता बनर्जी और अभिषेक का विरोध प्रदर्शन
एसआईआर के खिलाफ जुलूस में शामिल ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है, और फॉर्म वितरण भी प्रारंभ हो गया है। इसी संदर्भ में, ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने आज सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को एसआईआर के खिलाफ एक बड़ा जुलूस निकाला, जो अंबेडकर प्रतिमा से शुरू होकर जोड़ासांको स्थित ठाकुरबाड़ी तक गया। इस जुलूस में उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली के नागरिकों और समर्थकों ने भाग लिया। टीएमसी के नेताओं का कहना है कि एसआईआर को स्वीकार नहीं किया जाएगा और वे दीदी के मार्ग पर चलेंगे। इस जुलूस में कई मंत्री और प्रमुख नेता भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने जुलूस में जोरदार नारेबाजी करते हुए एसआईआर प्रक्रिया का विरोध किया। इस प्रदर्शन में विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों की भी भागीदारी रही, जो सभी धर्मों के बीच एकता का संदेश देने का प्रयास कर रहे थे। टीएमसी का कहना है कि चुनाव आयोग द्वारा दिए गए दस्तावेज और 2002-2003 की वोटर लिस्ट इस प्रक्रिया के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
चुनाव आयोग के निर्णय का विरोध
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि 2002-03 की वोटर लिस्ट में जिनका नाम है, उन्हें किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी और उन्हें एसआईआर में अपने आप शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि, जिनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, उन्हें आयोग द्वारा मांगे गए दस्तावेजों के साथ बीएलओ से संपर्क करना होगा। बीएलओ घर-घर जाकर दस्तावेज इकट्ठा करेंगे।
पुरानी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप
टीएमसी का आरोप है कि 2002-2003 में एसआईआर के बाद बनी वोटर लिस्ट में भी कई त्रुटियाँ थीं। ऐसे में, त्रुटिपूर्ण वोटर लिस्ट को आधार बनाकर इस प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है? पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारों पर काम कर रहा है और इसे अपनी प्रक्रिया में बदलाव करना चाहिए।
7.66 करोड़ गणना प्रपत्र तैयार
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मंगलवार से शुरू हो गया है। बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) मतदाताओं के घर जाकर उन्हें गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए कुल 80,681 बीएलओ की तैनाती की गई है। राज्य के 294 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अब तक कुल 7.66 करोड़ गणना प्रपत्र तैयार किए जा चुके हैं, और प्रत्येक मतदाता को दो प्रपत्र मिलेंगे.