पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने अपराजिता विधेयक को वापस भेजा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपराजिता विधेयक को केंद्र की गंभीर आपत्तियों के चलते राज्य सरकार को वापस भेज दिया है। इस विधेयक में बलात्कार के लिए सजा को मौजूदा न्यूनतम 10 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन कारावास या मृत्युदंड करने का प्रस्ताव है। गृह मंत्रालय ने विधेयक के कई प्रावधानों को समस्याग्रस्त बताया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
Jul 26, 2025, 17:52 IST
राज्यपाल का निर्णय
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भारतीय न्याय संहिता में प्रस्तावित संशोधनों पर केंद्र की गंभीर आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए अपराजिता विधेयक को राज्य सरकार को वापस भेज दिया है। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने यह जानकारी दी। केंद्र ने अपनी टिप्पणियों में कहा कि सितंबर 2024 में विधानसभा द्वारा पारित अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक, बलात्कार के लिए सजा में बदलाव की मांग करता है, जो अत्यधिक कठोर और असंगत हैं।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
हालांकि, राज्य सरकार ने बताया कि उसे विधेयक के कुछ प्रावधानों पर केंद्र या राज्यपाल कार्यालय से कोई सूचना नहीं मिली है। इस विधेयक में बलात्कार के लिए सजा को मौजूदा न्यूनतम 10 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन कारावास या मृत्युदंड करने का प्रस्ताव है। गृह मंत्रालय ने विधेयक के कई प्रावधानों को समस्याग्रस्त बताया है। राज्यपाल ने गृह मंत्रालय की टिप्पणियों को उचित विचार के लिए राज्य सरकार को भेज दिया है।
केंद्र की आपत्ति
गृह मंत्रालय की टिप्पणियों का हवाला देते हुए, राज्यपाल ने कहा कि केंद्र ने बलात्कार के लिए सजा को न्यूनतम 10 वर्ष से बढ़ाकर दोषी के शेष जीवन के लिए आजीवन कारावास या मृत्युदंड करने के प्रस्ताव को अत्यधिक कठोर और असंगत करार दिया है।