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पटना में बच्चों की मौत पर प्रदर्शन, पुलिस कार्रवाई की मांग

पटना में 15 अगस्त को दो बच्चों की संदिग्ध मौत के बाद स्थानीय निवासियों ने पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जानें इस मामले में क्या हुआ और पुलिस की जांच की स्थिति क्या है।
 

प्रदर्शन और हिंसा का मामला

पटना में निवासियों ने 15 अगस्त को इंद्रपुरी रोड पर एक कार में मिले दो बच्चों की मौत के मामले में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हिंसक रूप धारण कर लिया, कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया और आग लगा दी। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस दौरान चार लोगों को हिरासत में लिया गया।


पुलिस की प्रतिक्रिया

पुलिस ने बताया कि एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, और एक एसयूवी तथा दो बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया। निरीक्षक जनरल जितेंद्र राणा ने कहा कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और संदिग्धों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


मामले की जांच

गौरतलब है कि 15 अगस्त को 5 और 7 साल के दो भाई-बहन एक कार में मृत पाए गए थे। उनके शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं थी, लेकिन परिवार ने हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन परिवार के सदस्य जांच से असंतुष्ट होकर प्रदर्शन कर रहे थे, जो बाद में हिंसक हो गया।


पुलिस का बयान

पटना के SSP कार्तिकेय शर्मा ने कहा, "पुलिसकर्मियों को पत्थरबाजी और कांच के टुकड़ों से चोटें आई हैं। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। आगे की कार्रवाई फुटेज की मदद से की जाएगी... डॉक्टर की रिपोर्ट सभी के सामने है। रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि नहीं हुई है। डॉक्टर ने आगे की जांच की सिफारिश की है। जब तक सब कुछ स्पष्ट नहीं हो जाता, किसी को हिरासत में नहीं लिया जा सकता..."