पटना में जनवरी 2026 से शुरू होगी पहली जल मेट्रो सेवा
जल मेट्रो सेवा का आगाज
पटना में गंगा नदी पर जल मेट्रो सेवा का शुभारंभ अगले महीने, यानी जनवरी 2026 में होने की उम्मीद है। यह भारत की पहली जल परिवहन सेवा होगी, जो इलेक्ट्रिक बोट के माध्यम से यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।
बोट की लागत और निर्माण
12 करोड़ रुपये में निर्मित बोट
इस सेवा के लिए एमवी गोमधार कुंवर नामक इलेक्ट्रिक बोट तैयार की गई है, जिसे हुगली कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने 12 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है। आईडब्ल्यूएआई (इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अनुसार, बोट की सभी तकनीकी जांच और परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं।
यात्रा मार्ग और चार्जिंग सुविधाएँ
यात्रा रूट और चार्जिंग स्टेशन
वाटर मेट्रो की यात्रा दीघा घाट से शुरू होकर एनआईटी घाट और फिर कंगन घाट तक जाएगी। वापसी में बोट एनआईटी घाट से होते हुए दीघा लौटेगी। इसके अतिरिक्त, दीघा, एनआईटी और कंगन घाट पर तैरते हुए जेट्टी और चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक चार्ज में बोट लगभग 30 मिनट में पूरी तरह चार्ज हो जाएगी और फुल चार्ज के बाद यह 90 मिनट तक लगातार चल सकती है।
यात्रियों के लिए सुविधाएँ
यात्रियों के लिए सुविधाएँ
एमवी गोमधार कुंवर वातानुकूलित है और इसमें 50 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। इसके अलावा, लगभग 25 लोग खड़े होकर भी यात्रा कर सकते हैं। यह सेवा पटना के निवासियों और पर्यटकों दोनों के लिए एक नया और आकर्षक अनुभव प्रदान करेगी।
पर्यटन को बढ़ावा
पर्यटन और सुविधा
वाटर मेट्रो सेवा न केवल शहरवासियों को गंगा के मार्ग से यात्रा का एक आधुनिक विकल्प प्रदान करेगी, बल्कि यह पटना में पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। नदी के किनारे के दृश्य और शांत वातावरण यात्रियों को एक विशेष अनुभव प्रदान करेंगे।