पंजाबी गायक राजवीर जवंदा का निधन: एक संगीत सितारे की कहानी
राजवीर जवंदा का निधन
प्रसिद्ध पंजाबी गायक और अभिनेता राजवीर जवंदा का मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में लगभग 12 दिनों तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करने के बाद निधन हो गया। अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की कि 35 वर्षीय गायक को बुधवार सुबह 10:55 बजे मृत घोषित किया गया। फोर्टिस अस्पताल ने बताया कि राजवीर का निधन 8 अक्टूबर, 2025 को हुआ। उन्हें 27 सितंबर, 2025 को एक सड़क दुर्घटना के बाद गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था, जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को गंभीर चोटें आई थीं.
दुर्घटना और इलाज
फोर्टिस अस्पताल की चिकित्सा टीम द्वारा निरंतर देखरेख के बावजूद, आज सुबह उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया, जिसके कारण उनका निधन हो गया। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। राजवीर को 27 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के बद्दी में एक सड़क दुर्घटना में गंभीर चोटें आई थीं, जब उनकी मोटरसाइकिल आवारा मवेशियों से टकरा गई थी.
राजनीतिक प्रतिक्रिया
डॉक्टरों के अनुसार, जवंदा की स्थिति गंभीर बनी रही, मस्तिष्क की गतिविधि न्यूनतम थी और गहन चिकित्सा के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजवीर की आवाज़ हमेशा गूंजती रहेगी और दिवंगत आत्मा को शांति मिले।
संगीत यात्रा
मोहाली के सेक्टर 71 निवासी राजवीर जवंदा को उनके हिट गानों जैसे "सरनेम", "कमला", "मेरा दिल" और "सरदारी" के लिए जाना जाता था। उन्होंने पंजाबी सिनेमा में भी अपनी पहचान बनाई, जैसे "जींद जान", "मिंडो तसीलदारनी" और "काका जी"। 2014 में "मुंडा लाइक मी" नामक एकल गीत से अपने करियर की शुरुआत करने वाले जवंदा ने अपनी भावपूर्ण आवाज़ और पंजाबी संस्कृति का जश्न मनाने वाले गीतों के लिए जल्दी ही प्रसिद्धि प्राप्त की।