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पंजाब सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर और अनाथ बच्चों के लिए ₹4,000 की वित्तीय सहायता की घोषणा की

पंजाब सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर और अनाथ बच्चों के लिए ₹4,000 की मासिक वित्तीय सहायता की घोषणा की है। यह योजना बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, जिससे वे शिक्षा प्राप्त कर सकें और समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें। मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि अब तक 5,475 लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। जानें इस पहल के पीछे का उद्देश्य और सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में।
 

पंजाब सरकार की पहल

मुख्यमंत्री एस. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार बच्चों के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। विशेष रूप से, आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और अनाथ बच्चों की देखभाल और पालन-पोषण पर ध्यान दिया जा रहा है। यह जानकारी सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दी। अब तक इस प्रायोजन योजना के तहत 5,475 लाभार्थियों को सहायता मिल चुकी है।


वित्तीय सहायता का विवरण

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि प्रायोजन योजना के अंतर्गत, पंजाब सरकार आर्थिक रूप से कमजोर, बेघर और अनाथ बच्चों को प्रति माह ₹4,000 की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह सहायता उन परिवारों के बच्चों के लिए है जो वित्तीय कठिनाइयों के कारण उचित देखभाल नहीं कर पा रहे हैं, साथ ही उन अनाथ बच्चों के लिए जो अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं।


सहायता की अवधि

उन्होंने आगे कहा कि यह सहायता तब तक दी जाती है जब तक बच्चा 18 वर्ष का नहीं हो जाता। अब तक इस योजना के तहत कुल 5,475 लाभार्थियों को सहायता प्राप्त हो चुकी है।


भविष्य की दिशा

डॉ. बलजीत कौर ने इस पहल के उद्देश्य को उजागर करते हुए कहा कि यह योजना केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए भी है। इस समर्थन के माध्यम से बच्चे अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं, अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं और समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं।


सरकार की प्रतिबद्धता

कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार का अंतिम लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चा शिक्षित, आत्मनिर्भर और समाज और राज्य की प्रगति में योगदान देने वाला जिम्मेदार नागरिक बने। विशेष प्रयास उन बच्चों के समग्र विकास के लिए किए जा रहे हैं जो समाज की मुख्यधारा से बाहर रह गए हैं।