पंजाब में बाढ़ की स्थिति में सुधार, राहत कार्य जारी
पंजाब में बाढ़ की स्थिति में सुधार
पंजाब में जलस्तर में कमी आने से बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है, और अगले दो दिनों में भारी बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, भाखड़ा और पौंग बांधों से पानी छोड़ने की प्रक्रिया अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि अत्यधिक पानी छोड़ने से कोई खतरा नहीं होगा। पिछले दो दिनों में बाढ़ से प्रभावित राज्य में किसी नए जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन 23 जिलों के 1948 गांवों में 3.84 लाख लोग अभी भी बाढ़ के प्रभाव से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। कई लोगों ने अपने घरों के साथ-साथ फसलें भी खो दी हैं। आकाशवाणी संवाददाता के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के दौरे के दौरान अवैध खनन को बाढ़ का कारण बताया और केंद्र सरकार की ओर से राहत और पुनर्वास के लिए योजनाएं बनाने का आश्वासन दिया।
स्कूल और कॉलेज फिर से खुलेंगे
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने रविवार को घोषणा की कि बाढ़ के कारण बंद किए गए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 9 सितंबर से फिर से खुलेंगे। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्कूल या कॉलेज को बाढ़ से नुकसान होता है, तो उसे बंद करने का निर्णय संबंधित उपायुक्त द्वारा लिया जाएगा। राज्य सरकार ने हाल ही में बाढ़ के मद्देनजर सभी शैक्षणिक संस्थानों को 7 सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया था।
बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हाल
राज्य सरकार ने सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 1,902 गांव जलमग्न हो गए हैं, 3.8 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 11.7 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि नष्ट हो गई है। इस आपदा में कम से कम 46 लोगों की जान गई है। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र गुरदासपुर है, जहां 329 गांव और 1.45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
बीएसएफ का दौरा और राहत कार्य
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पंजाब के फिरोजपुर जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। बीएसएफ के महानिरीक्षक अतुल फुलजेले ने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें राहत कार्यों में बीएसएफ के समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने स्थानीय लोगों से चिकित्सा शिविरों का लाभ उठाने की अपील की, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आयोजित किए जा रहे हैं।
बाढ़ में मृतकों की संख्या बढ़ी
पंजाब में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है, और 1.75 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसलें बर्बाद हो गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। यह बाढ़ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी वर्षा के कारण आई है।
बाढ़ के कारण व्यापक तबाही
राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसे पिछले 50 वर्षों में सबसे गंभीर बाढ़ बताया है। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश ने पंजाब और पड़ोसी पहाड़ी राज्यों में व्यापक तबाही मचाई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, 3.87 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
राज्य सरकार की राहत योजनाएं
राज्य सरकार ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां 7,000 से अधिक विस्थापित लोगों को शरण दी गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। मंत्री अमन अरोड़ा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह बाढ़ के लिए अवैध खनन को जिम्मेदार ठहरा रही है, जबकि वित्तीय मदद की घोषणा नहीं की जा रही है।