पंजाब के तहसीलदार रणजीत सिंह का निलंबन: रजिस्ट्रियों में अनियमितता का मामला
पंजाब सरकार का एक्शन
पंजाब के लुधियाना में तहसीलदार रणजीत सिंह की कार्यशैली ने सरकार को चौंका दिया है। दो सप्ताह पहले, उन्होंने जगरांव में छह विवादास्पद रजिस्ट्रियां कीं, जिससे उनकी निलंबन की प्रक्रिया शुरू हुई।
ओहदे का दुरुपयोग
रणजीत सिंह की तेज गति ने उन्हें निलंबित करने का कारण बना। पंजाब सरकार के वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अनुराग वर्मा द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया।
स्थानांतरण और हाजिरी
उन्हें तुरंत प्रभाव से धारकलां पठानकोट स्थानांतरित किया गया है, जहां उन्हें रोजाना एसडीएम कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
असामान्य गति
17 जनवरी को, रणजीत सिंह ने जगरांव में छह रजिस्ट्रियां दर्ज कीं, जिसमें उपभोक्ताओं के साथ तस्वीरें लेने में केवल सात मिनट का समय लगा। लुधियाना पूर्वी दफ्तर से जगरांव की दूरी मात्र चार मिनट में तय की गई।
लालच का आरोप
सरकार के निलंबन आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि लालच के कारण उन्होंने यह कार्य किया।
रिटायरमेंट और जांच
रणजीत सिंह का रिटायरमेंट 28 फरवरी को होना था, लेकिन जांच पूरी होने तक उन्हें कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलेगी।
आरसी की जांच
उनकी सस्पेंशन के साथ ही आरसी मनप्रीत सिंह के कार्यों की भी जांच शुरू कर दी गई है। विजिलेंस की विशेष टीम सभी रिकॉर्ड इकट्ठा कर रही है।
रणजीत सिंह का बयान
रणजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने रजिस्ट्रियों के लिए कोई धनराशि नहीं ली और मनप्रीत सिंह ही इस मामले में अधिक जानकारी दे सकते हैं।