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नोटबंदी के प्रभाव: कांग्रेस का आरोप, अर्थव्यवस्था अभी भी प्रभावित

कांग्रेस ने नोटबंदी के निर्णय को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं, यह कहते हुए कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान हुआ है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि करोड़ों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई और व्यापार, असंगठित क्षेत्र, और लघु एवं मध्यम उद्यम बुरी तरह प्रभावित हुए। उन्होंने यह भी बताया कि काले धन और जाली नोटों में कोई कमी नहीं आई और कैशलेस का नारा बेमानी साबित हुआ। इस लेख में जानें कि कांग्रेस का क्या कहना है और नोटबंदी के बाद की स्थिति क्या है।
 

नोटबंदी का प्रभाव और कांग्रेस का बयान

कांग्रेस ने शनिवार को यह आरोप लगाया कि नोटबंदी जैसे तुगलकी निर्णय ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुँचाया है, जिससे वह आज तक उबर नहीं पाई है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की, जिसके तहत 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया गया और नए 500 एवं 2000 रुपये के नोट जारी किए गए। अब 2000 रुपये का नोट भी वापस लिया जा चुका है।


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज नोटबंदी के विनाशकारी निर्णय की नौवीं वर्षगांठ है। उन्होंने बताया कि करोड़ों भारतीयों की आजीविका प्रभावित हुई, व्यापार, असंगठित क्षेत्र, और लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) बुरी तरह प्रभावित हुए। काले धन और जाली नोटों में कोई कमी नहीं आई, और कैशलेस का नारा भी बेमानी साबित हुआ।


उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो गई, और इस चोट से देश की अर्थव्यवस्था कभी भी पूरी तरह से उबर नहीं पाई।