×

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 30 अक्टूबर 2025 को शुरू होगा: घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से बढ़ेगी कनेक्टिविटी

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 30 अक्टूबर 2025 को शुरू होने जा रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। यह हवाई अड्डा 10 प्रमुख भारतीय शहरों के लिए उड़ानें प्रदान करेगा और स्थानीय निवासियों को दिल्ली की यात्रा से मुक्त करेगा। इसके अलावा, यह व्यापार और पर्यटन के लिए नए अवसर खोलेगा। हवाई अड्डे का निर्माण ₹29,650 करोड़ की लागत से किया जा रहा है, और यह उत्तर भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक बनने की उम्मीद है।
 

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश के जेवर में स्थित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 30 अक्टूबर 2025 को संचालन शुरू करने के लिए तैयार है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कई बार की गई देरी के बाद उद्घाटन की तारीख की पुष्टि की। इस हवाई अड्डे से प्रारंभ में बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई जैसे 10 प्रमुख भारतीय शहरों के लिए उड़ानें उपलब्ध होंगी। अधिकारियों का मानना है कि यह नया हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी को काफी बढ़ाएगा और भारत के विमानन क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।


स्थानीय निवासियों के लिए सुविधाएं

नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को अब अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। भारत की प्रमुख एयरलाइन, इंडिगो, जेवर हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की योजना बना रही है।


नए अवसरों का द्वार

यह नई सेवा विदेशी देशों के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और अधिकारियों के अनुसार, व्यापार, पर्यटन और निवेश के लिए कई नए अवसर खोलेगी।


हवाई अड्डों पर आधुनिक सुविधाएं

केंद्रीय मंत्री नायडू ने बताया कि देश के सभी हवाई अड्डों, जिसमें गाज़ियाबाद का हिंदन हवाई अड्डा भी शामिल है, में मुफ्त वाई-फाई, पुस्तकालय और बच्चों के लिए विशेष क्षेत्र जैसी सुविधाएं जल्द ही उपलब्ध कराई जाएंगी। हालांकि, हिंदन हवाई अड्डे से कोई नई उड़ानें तब तक शुरू नहीं की जाएंगी जब तक कि हवाई अड्डे का विस्तार कार्य पूरा नहीं हो जाता।


निर्माण की लागत और क्षमता

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण ₹29,650 करोड़ की लागत से किया जा रहा है, जिसमें पहले चरण के लिए ₹10,056 करोड़ का निवेश किया गया है। यह हवाई अड्डा कुल 1,334 हेक्टेयर में फैला होगा और सभी चार चरणों के पूरा होने पर यह 70 मिलियन यात्रियों को हर साल संभाल सकेगा।


प्रमुख सुविधाओं का निर्माण

प्रारंभिक चरण में एक रनवे और एक आधुनिक टर्मिनल भवन का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें प्रति वर्ष 12 मिलियन यात्रियों की क्षमता होगी। यह चरण अप्रैल 2026 तक पूरा होने की योजना है, जिसमें से 90% कार्य पहले ही पूरा हो चुका है और यह 25 अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा।


स्विस कंपनी द्वारा निर्माण

यह परियोजना यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के तहत एक स्विस कंपनी द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। टर्मिनल भवन 100,000 वर्ग मीटर में फैला होगा और इसमें एक साथ 28 विमानों को समायोजित किया जा सकेगा। इसके अलावा, 40 एकड़ में एक MRO हब और 80 एकड़ में एक मल्टी-मोडल कार्गो हब विकसित किया जा रहा है, जो व्यापार और लॉजिस्टिक्स को नया प्रोत्साहन देगा।


अंतिम तैयारियों का कार्य

हवाई अड्डे की प्रमुख अवसंरचना, जैसे रनवे, ATC टॉवर, अग्निशामक स्टेशन, एयरलाइन कार्यालय और कार्गो टर्मिनल पहले ही निर्मित हो चुके हैं। बोर्डिंग ब्रिज सितंबर के अंत तक तैयार हो जाएंगे, जबकि चेक-इन, सुरक्षा, बोर्डिंग गेट और प्रस्थान क्षेत्रों का कार्य 20 अक्टूबर तक पूरा किया जाएगा। आगमन और प्रस्थान हॉल का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है।


NCR के लिए नया जीवन

एक बार संचालन शुरू होने पर, जेवर हवाई अड्डा उत्तर भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक बन जाएगा। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवाई कनेक्टिविटी को काफी सुधार देगा। यह परियोजना न केवल यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, बल्कि औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगी, जिससे क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को और मजबूत किया जा सकेगा।