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नैनीताल में भीषण अग्निकांड: 6 दोपहिया वाहन जलकर हुए खाक

नैनीताल में 31 दिसंबर को एक गंभीर अग्निकांड की घटना हुई, जिसमें 6 दोपहिया वाहन जलकर खाक हो गए। घटना के समय कोई भी व्यक्ति वहां मौजूद नहीं था, जिससे जनहानि से बचा जा सका। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। जानें इस घटना के बारे में और क्या हुआ।
 

नैनीताल में अग्निकांड की घटना

नैनीताल में 2025 का वर्ष कई बड़ी दुर्घटनाओं के लिए जाना जाएगा, और वर्ष के अंतिम दिन भी एक गंभीर अग्निकांड की घटना हुई। 31 दिसंबर की सुबह, बीडी पांडे जिला चिकित्सालय के पीछे स्थित गैराज में एक बड़ी आग लग गई, जिसमें 6 दोपहिया वाहन पेट्रोल टैंकों में विस्फोट के साथ पूरी तरह से जल गए। राहत की बात यह रही कि घटना के समय कोई भी व्यक्ति वहां मौजूद नहीं था, जिससे जनहानि से बचा जा सका। अग्निशामक दल ने आग को पास के कुमाऊं मंडल के स्वास्थ्य निदेशक के कार्यालय में फैलने से पहले ही बुझा दिया।


आग सुबह लगभग 3:30 बजे लगी। नाहिद नामक एक व्यक्ति ने अपने घर से तेज धमाकों के साथ आग लगते हुए देखा और तुरंत 4:10 बजे अग्निशामन दल को सूचित किया। अग्निशामक दल घटनास्थल पर पहुंचे, तब तक लकड़ी और टीन से बने गैराज में आग फैल चुकी थी, और बाहर खड़ी तीन मोटरसाइकिल और तीन स्कूटी पूरी तरह से जल चुकी थीं। लगभग एक घंटे की मेहनत के बाद, अग्निशामक दल ने सुबह 5 बजे आग पर काबू पाया। इस अग्निकांड में जलने वाले अधिकांश वाहनों का बीमा भी नहीं था, जिससे मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।


आग लगने के स्थान के ऊपर से बिजली की लाइन गुजर रही थी, जिससे विद्युत आपूर्ति भी प्रभावित हुई। आग लगने के कारण बिजली की लाइन भी जल गई, जिससे रोपवे केबल कार के स्टेशन और आसपास के क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई। हालांकि, विद्युत विभाग के उप खंड अधिकारी पर्यंक पांडे ने इस बात से इनकार किया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट था। उन्होंने कहा कि रात में बिजली की लाइन पर अधिक लोड नहीं होता, जिससे चिंगारियां निकलने की संभावना कम होती है। अग्निशामक विभाग ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है।