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नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल: बेरोजगारी और आर्थिक ठहराव

नेपाल में हालिया राजनीतिक संकट ने देश को गंभीर स्थिति में डाल दिया है। केपी शर्मा ओली सरकार के पतन और संसद में आगजनी की घटनाओं ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक ठहराव ने युवाओं को निराश किया है। जानें कैसे ये घटनाएँ नेपाल की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही हैं और भविष्य में क्या संभावनाएँ हैं।
 

नेपाल में हालात की गंभीरता

हाल ही में नेपाल में राजनीतिक संकट ने भारतीय उपमहाद्वीप में हलचल मचा दी है। केपी शर्मा ओली सरकार के पतन, संसद में आगजनी, पूर्व प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों के घरों को जलाने और वित्त मंत्री तथा अन्य राजनीतिक नेताओं का पीछा करने की घटनाएं, 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में हुई घटनाओं की याद दिलाती हैं। ओली ने बढ़ती हिंसा के बीच इस्तीफा दे दिया।


सेना की भूमिका

दिलचस्प बात यह है कि बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने 2024 में और अब नेपाल में देश पर नियंत्रण स्थापित किया है। बांग्लादेश में सेना भले ही सीधे राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं है, लेकिन उसने ढाका में युवा प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। काठमांडू में, नेपाल सेना के प्रमुख, अशोक राज सिग्देल, युवा प्रदर्शनकारियों, जिन्हें अब जनरेशन जेड कहा जाता है, से बातचीत के लिए आगे आने का आग्रह कर रहे हैं।


प्रदर्शन और हिंसा

8 सितंबर को काठमांडू में बढ़ती भीड़ पर बेरहमी से गोलीबारी की गई, जिसमें कम से कम 19 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए। सरकार की अनुत्तरदायी कार्रवाई ने लोगों को उग्र बना दिया। हालांकि इसे नेतृत्वहीन हिंसा कहा गया, लेकिन घटनाओं की श्रृंखला ने लक्षित हमलों और आगजनी की तैयारी की ओर इशारा किया।


सोशल मीडिया पर प्रतिबंध

भीड़ ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन किया, जो उनकी आवाज़ उठाने का एकमात्र साधन था। अधिकांश नेपाली समाचार पत्र या इलेक्ट्रॉनिक चैनल सरकारी नीतियों का पालन करते हैं। सरकार का कहना है कि वे ऐप्स को संचार मंत्रालय में पंजीकरण कराने के लिए कह रहे थे।


आर्थिक चुनौतियाँ

नेपाल की अर्थव्यवस्था पिछले एक दशक में अपने समकक्ष देशों की तुलना में धीमी गति से बढ़ी है। विश्व बैंक के अनुसार, 2024 में 15-24 आयु वर्ग में बेरोजगारी दर 20.8 प्रतिशत है। युवा भारत, खाड़ी देशों और मलेशिया में काम की तलाश में जा रहे हैं, जो जीडीपी का 33.1 प्रतिशत योगदान करते हैं।


समाज में असमानता

नेपाल में गरीबी 1999 में 97.1 प्रतिशत थी, जिसे अब 52.6 प्रतिशत बताया गया है। हालांकि, यह वृद्धि घरेलू विकास, निवेश या रोजगार सृजन के माध्यम से नहीं हुई है। लगातार शासन परिवर्तन और नेतृत्व में अस्थिरता ने दीर्घकालिक आर्थिक योजना को बाधित किया है।


भविष्य की संभावनाएँ

विश्व बैंक के अनुसार, नेपाल को तेजी से आर्थिक विकास के लिए प्रवासन, निर्यात, जलविद्युत और डिजिटलाइजेशन में सुधार करने की आवश्यकता है। पर्यटन और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे उच्च संभावित क्षेत्रों में अवसरों को अनलॉक करना और प्रतिस्पर्धी व्यापार वातावरण का विकास करना आवश्यक है।