नेपाल में बाढ़ त्रासदी: पीएम मोदी ने जताया दुख, भारत ने सहायता का दिया आश्वासन
नेपाल में बाढ़ से मची तबाही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नेपाल में हालात बेहद गंभीर हैं, जहां बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है। कई लोग बेघर हो गए हैं और उनके घर जलमग्न हो गए हैं। पूर्वी नेपाल में इस प्राकृतिक आपदा के चलते 42 लोगों की जान चली गई है, जबकि पांच लोग लापता हैं। इस संकट के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में हुई जनहानि पर गहरा दुख व्यक्त किया है और भारत की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, 'नेपाल में भारी बारिश से हुई जनहानि और क्षति अत्यंत दुखद है। इस कठिन समय में हम नेपाल की जनता और सरकार के साथ हैं। एक मित्रवत पड़ोसी और पहले प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में, भारत हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।'
इलाम जिले में सबसे अधिक जनहानि
नेपाल के विभिन्न जिलों में बाढ़ का प्रकोप जारी है। इलाम जिले में सबसे अधिक 37 लोगों की मौत की सूचना है। पूर्वी कोशी प्रांत में शनिवार शाम से लगातार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिसमें कम से कम 18 लोगों की जान गई। पुलिस के अनुसार, घोसांग में 6 और मंगसेबुंग में 5 लोगों की मौत हुई है। भूस्खलन और बारिश ने इलाके में भारी तबाही मचाई है। इलाम जिले के देउमाई और माइजोगमाई में आठ-आठ लोगों की जान गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी जनहानि हुई है।
त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उड़ानों पर रोक
खराब मौसम के कारण त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर घरेलू उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं। काठमांडू, भरतपुर, जनकपुर, भद्रपुर, पोखरा और तुमलिगटार से आने-जाने वाली उड़ानें फिलहाल बंद हैं। नेपाल की सेना राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। एक अधिकारी ने बताया कि सेना ने हवाई सहायता से गर्भवती महिला समेत दो घायलों को घटनास्थल से निकालकर धरान नगरपालिका के अस्पताल में भर्ती कराया है। हालांकि, खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में बाधाएं आ रही हैं।
बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है
नेपाल के सात प्रांतों में से पांच में मानसून सक्रिय है, जिसमें कोशी, मधेश, बागमती, गण्डकी और लुम्बिनी प्रांत शामिल हैं। लगातार बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए, नेपाली अधिकारियों ने काठमांडू में अगले तीन दिनों के लिए वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध
राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए) ने चेतावनी जारी की है कि काठमांडू घाटी में शनिवार से सोमवार तक वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रहेगी। अधिकारियों ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे अगले तीन दिनों तक लंबी दूरी की यात्रा न करें ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके। इसके अलावा, बागमती और पूर्वी राप्ती नदियों के आसपास के क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। बारिश के चलते इन नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है, जिससे बाढ़ की स्थिति बन सकती है।