नेतन्याहू का अमेरिका दौरा: क्या फिर से होगा कोई बड़ा हमला?
नेतन्याहू का अमेरिका दौरा
जब भी इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका की यात्रा करते हैं, उनके विरोधियों में चिंता की लहर दौड़ जाती है। इसका कारण यह है कि उनके दौरे अक्सर इजराइल के दुश्मनों पर हमलों से जुड़े होते हैं। नेतन्याहू अगले सप्ताह फिर से अमेरिका जाने वाले हैं, जहां उनकी मुलाकात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी।
तीसरी बार अमेरिका की यात्रा
यह नेतन्याहू की पिछले छह महीनों में अमेरिका की तीसरी यात्रा होगी। पिछली बार की तरह, इस बार भी यह चर्चा है कि उनके दौरे के दौरान कोई बड़ा दुश्मन मारा जा सकता है, खासकर जब अमेरिका और इजराइल दोनों हमास के साथ संघर्ष विराम की कोशिश कर रहे हैं।
नेतन्याहू के दौरे और दुश्मनों की मौत
यह संयोग नहीं लगता कि नेतन्याहू के अमेरिका दौरे के दौरान इजराइल के दुश्मनों को निशाना बनाया गया है। उदाहरण के लिए, सितंबर 2024 में जब नेतन्याहू न्यूयॉर्क में UN महासभा को संबोधित कर रहे थे, उसी समय बेरुत में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को मार गिराया गया। इसी तरह, जुलाई 2024 में जब उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया, तो ईरान में हमास नेता इस्माइल हनिया को खत्म कर दिया गया। अब जब नेतन्याहू फिर अमेरिका आ रहे हैं, तो सवाल यह है कि इस बार किसका नंबर आएगा?
हिट लिस्ट में हमास के नेता
इजराइल के रक्षा मंत्री इसराइल कात्ज ने हाल ही में दोहा में मौजूद हमास नेता खालिल अल-हैया को चेतावनी दी थी कि वे अगला निशाना हो सकते हैं। इसके अलावा, गाजा के सैन्य कमांडर इज्ज अल-दीन अल-हद्दाद का नाम भी सामने आया है। इजराइली मीडिया के अनुसार, हमास के कुछ अन्य बड़े नाम भी इस हिट लिस्ट में शामिल हैं।
कतर में स्थिति और संभावित हमले
कतर अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और वहां US Central Command का मुख्यालय भी है। यदि इजराइल वहां कोई हमला करता है, तो यह केवल एक हत्या नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय विवाद का कारण बन सकता है। यही कारण है कि जब हमास नेताओं को हथियार जमा करने के लिए कहा गया, तो यह केवल सुरक्षा का मामला नहीं था, बल्कि तनाव का भी था।
अमेरिका और इजराइल का गुप्त खेल
मध्य पूर्व की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका इस समय गाज़ा में एक नए संघर्ष विराम की कोशिश कर रहा है। ट्रंप ने कहा है कि इजराइल 60 दिन के संघर्ष विराम के लिए तैयार है। लेकिन इजराइली मीडिया में यह भी कहा गया है कि इस डील के पीछे एक गुप्त सहमति है कि यदि आवश्यक हुआ, तो इजराइल फिर से हमले शुरू कर सकता है। इस प्रकार, एक ओर शांति की बात हो रही है, जबकि दूसरी ओर लक्षित हमलों की तैयारी चल रही है।