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नील मोहन का गूगल में सफर: 100 मिलियन डॉलर का ऑफर और यूट्यूब की सफलता

नील मोहन, यूट्यूब के सीईओ, ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपने करियर के बारे में दिलचस्प बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि कैसे गूगल ने उन्हें ट्विटर के प्रस्ताव से रोकने के लिए 100 मिलियन डॉलर का ऑफर दिया। इस लेख में जानें नील मोहन की शिक्षा, करियर की शुरुआत और गूगल में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में।
 

पॉडकास्ट में नील मोहन की कहानी

Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ ने हाल ही में अपने पॉडकास्ट 'People by WTF' में यूट्यूब के सीईओ नील मोहन के साथ कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इस बातचीत में नील मोहन के करियर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सामने आया, जो गूगल के प्रति उनके योगदान को दर्शाता है।


गूगल का 2011 का ऑफर


पॉडकास्ट में नील मोहन ने बताया कि 2011 में ट्विटर, जिसे अब X कहा जाता है, अपने उत्पाद विभाग के लिए एक अनुभवी लीडर की तलाश कर रहा था। उस समय, ट्विटर ने नील मोहन को चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर बनने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, गूगल ने उन्हें ट्विटर जॉइन करने से रोकने के लिए 100 मिलियन डॉलर (लगभग 830 करोड़ रुपये) का ऑफर दिया। यह प्रस्ताव गूगल की ओर से रिस्ट्रिक्टेड स्टॉक यूनिट्स के रूप में था।


2007 में गूगल ने DoubleClick का अधिग्रहण 3.1 बिलियन डॉलर में किया, जिसके बाद नील मोहन कंपनी में शामिल हुए। उन्होंने न केवल गूगल के विज्ञापन व्यवसाय को मजबूत किया, बल्कि यूट्यूब की वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गूगल के अधिग्रहण के बाद, नील मोहन को कंपनी के एड बिजनेस में शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया।


शिक्षा और करियर की शुरुआत


नील मोहन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। अपनी पढ़ाई के बाद, उन्होंने एंडरसन कंसल्टिंग में करियर की शुरुआत की। इसके बाद, उन्होंने NetGravity नामक एक छोटे स्टार्टअप में शामिल हुए, जिसे बाद में डबलक्लिक ने खरीद लिया। गूगल के अधिग्रहण के बाद, नील मोहन सीधे गूगल में पहुंचे।