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नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, नए वादों के साथ चुनौती का सामना

नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, जिससे उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। इस बार जनता ने उन्हें प्रचंड जनादेश दिया है, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। खासकर, वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी और उनकी उम्र को लेकर चिंताएँ। जानें इस चुनाव के बाद बिहार की राजनीतिक स्थिति और जनता की उम्मीदें क्या हैं।
 

नीतीश कुमार का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण


गुरुवार को गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। बिहार की जनता ने उन्हें एक बार फिर से अपना विश्वास जताया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विपक्ष के लिए भाजपा और जदयू के गठबंधन के निर्णयों को चुनौती देना आसान नहीं होगा।


चुनौतियों का सामना

हालांकि, 243 सदस्यों वाली विधानसभा में नीतीश कुमार के लिए कई चुनौतियाँ भी हैं। मतदाताओं ने जिन वादों के आधार पर उन्हें चुना है, उनकी उम्मीदें उन वादों को पूरा करने पर निर्भर करेंगी। खासकर नौकरी, रोजगार, उद्योग, पेंशन और मुफ्त बिजली जैसे वादे हैं, जिन्हें पूरा करना आर्थिक रूप से कमजोर राज्य के लिए कठिन हो सकता है।


नीतीश की उम्र और स्वास्थ्य

नीतीश कुमार की उम्र अब 74 वर्ष हो गई है, और उनकी सेहत भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकती है। बिहार में भाजपा अब तक मुख्यमंत्री नहीं बना पाई है, और इस बार भी वह नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी के रूप में कार्य कर रही है। यह स्थिति भविष्य में उनके लिए राजनीतिक चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकती है।


राजग के वादे

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजग ने कई बड़े वादे किए हैं, जैसे गरीबों को मुफ्त राशन, 125 यूनिट मुफ्त बिजली, और सामाजिक सुरक्षा पेंशन। इन वादों को पूरा करना नीतीश सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर वित्तीय स्थिति को देखते हुए।


जनता की उम्मीदें

जनता को यह पता था कि यह नीतीश का अंतिम चुनाव हो सकता है, इसलिए उन्हें सम्मान और विदाई में वोट दिया गया। नीतीश कुमार ने जब पहली बार सत्ता संभाली थी, तब कई योजनाएँ शुरू की थीं, जो उन्हें महिलाओं के बीच लोकप्रिय बनाती हैं।


भाजपा-जदयू गठबंधन

भाजपा-जदयू गठबंधन में भाजपा ने कई बार नीतीश कुमार की सहयोगी भूमिका निभाई है। यह स्पष्ट है कि इस सरकार में भाजपा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। चिराग पासवान और अन्य नेताओं को भी भाजपा के सहयोग से लाभ हुआ है।