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नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

नीतीश कुमार ने आज बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 10वीं बार शपथ ली। एनडीए की हालिया जीत के बाद, समारोह पटना के गांधी मैदान में आयोजित हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने समारोह से पहले पटना पहुंचकर जद(यू) और भाजपा के नेताओं से मुलाकात की। नई कैबिनेट में भाजपा और जद(यू) के नए चेहरों के शामिल होने की संभावना है। जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

नीतीश कुमार का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण

जेडी(यू) के नेता नीतीश कुमार आज बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में रिकॉर्ड 10वीं बार शपथ लेने जा रहे हैं। हाल ही में एनडीए ने विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन सुबह 11:30 बजे पटना के प्रसिद्ध गांधी मैदान में होगा.


शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण से पहले पटना पहुंचे। समारोह बृहस्पतिवार को गांधी मैदान में आयोजित होगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया.


विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

पार्टी के सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह से पहले शाह और नड्डा जद(यू) और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस समारोह में शामिल हो सकते हैं.


सुरक्षा और व्यवस्था

विशिष्ट मेहमानों के लिए कई पंडाल बनाए गए हैं और पूरे कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि समारोह में तीन लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है. एनडीए ने बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की है.


नई कैबिनेट की संभावनाएँ

बिहार की नई कैबिनेट में भाजपा के 16 और जद(यू) के 14 मंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है। पिछली सरकार में भाजपा के 15 और जद(यू) के 12 मंत्री थे। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के प्रेम कुमार को विधानसभा अध्यक्ष बनाने पर सहमति बन गई है, जबकि डिप्टी स्पीकर का पद जद(यू) को मिलने की संभावना है.


नए चेहरों का स्वागत

नई कैबिनेट में भाजपा और जद(यू) से पांच से छह नए चेहरे शामिल होने की संभावना है। महनार विधानसभा सीट से जीते जद(यू) के राज्य प्रमुख उमेश सिंह कुशवाहा को भी शामिल किया जा सकता है. छोटे सहयोगी दलों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा.