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नीतीश कुमार की सरकार का रोजगार और औद्योगिकीकरण पर जोर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने 10वें कार्यकाल में रोजगार और औद्योगिकीकरण पर जोर दिया है। उन्होंने औद्योगिक विकास के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, जिसमें निवेश आकर्षित करने के लिए सम्मेलन आयोजित करने और नए औद्योगिक पार्क स्थापित करने की योजना शामिल है। बिहार में औद्योगिक इकाइयों की संख्या में वृद्धि और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। जानें इस बारे में और अधिक जानकारी।
 

नीतीश कुमार का नया कार्यकाल और औद्योगिक विकास

बिहार में मुख्यमंत्री पद की 10वीं बार शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार सक्रियता से काम कर रहे हैं। उनकी सरकार का ध्यान रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास पर केंद्रित है। नीतीश कुमार ने हाल ही में एक ट्वीट के माध्यम से बताया कि उनकी सरकार बिहार में रोजगार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की आर्थिक प्रगति और रोजगार सृजन के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण आवश्यक है। बिहार सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या, जो 2005 में 46 थी, अब 2025 में 94 तक पहुँच गई है।


औद्योगिक इकाइयों की वृद्धि

मुख्यमंत्री ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों की संख्या 2005 में 1674 थी, जो अब 2025 में 3500 होने की उम्मीद है। इसी तरह, 2005 में बिहार से औद्योगिक उत्पादों का निर्यात केवल 25 करोड़ रुपये था, जो 2025 में 17 हजार करोड़ रुपये तक पहुँचने की संभावना है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की संख्या 2005 में 72 हजार से बढ़कर 2025 में 35 लाख होने का अनुमान है। बिहार के जीएसडीपी में उद्योगों का योगदान 2005 के 5.4 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 21 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है।


निवेश को आकर्षित करने की योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को भारत के शीर्ष पांच निवेश अनुकूल राज्यों में शामिल करने के लिए उद्योग विभाग प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों में निवेशक सम्मेलनों का आयोजन करेगा। अगले 5 वर्षों में 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई गई है। इसमें Ease of Doing Business (EoDB) को बढ़ावा देना, आधुनिक फूड प्रोसेसिंग और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के साथ 5 नए मेगा फूड पार्क स्थापित करना, और 10 औद्योगिक पार्क एवं 100 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम पार्कों का विकास शामिल है।


मुख्यमंत्री उद्यमी योजना

मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 44,073 उद्यमियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। इससे लोग अपने उद्योग स्थापित कर रहे हैं और बड़ी संख्या में रोजगार सृजित कर रहे हैं। बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक हब बनाने के लिए डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, और मेगा टेक सिटी की स्थापना की योजना बनाई गई है।


Integrated Manufacturing Cluster की स्थापना

सीएम ने कहा कि गयाजी के डोभी में लगभग 1,700 एकड़ में Integrated Manufacturing Cluster (IMC) की स्थापना प्रक्रिया तेजी से चल रही है। राज्य के 29 जिलों में 31 नए अत्याधुनिक औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिसमें टेक्सटाइल और फार्मा पार्क जैसे विशेष पार्क शामिल होंगे। बिहार में औद्योगिक विकास के लिए 26,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।


बिहार में रोजगार के अवसर

राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए सभी आवश्यक आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध हैं, जैसे कि अच्छी सड़कें, रेलवे और हवाई मार्ग से संपर्क, और निर्बाध विद्युत आपूर्ति। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए मजबूरी में बाहर नहीं जाना पड़े।