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नीतीश कुमार का मदरसा कार्यक्रम में टोपी पहनने से इनकार, राजनीतिक बयानबाजी तेज

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने मदरसा कार्यक्रम में टोपी पहनने से मना कर दिया। इस कदम ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। जदयू के नेताओं ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय का सम्मान बढ़ाने का प्रयास बताया, जबकि विपक्ष ने इसे अपमान के रूप में देखा। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे की राजनीति।
 

नीतीश कुमार का विवादास्पद कदम

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने एक मदरसे के कार्यक्रम में टोपी पहनने से मना कर दिया। यह घटना तब हुई जब उन्हें एक पारंपरिक टोपी भेंट की गई, जिसे आमतौर पर मुसलमान पहनते हैं। इसके बजाय, उन्होंने वह टोपी अपने सहयोगी और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद ज़मा खान के सिर पर रख दी।



इस घटना को लेकर कई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आई हैं। जदयू के विधान पार्षद खालिद अनवर ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय का सम्मान बढ़ाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार हमेशा से बिहार के मुसलमानों के अधिकारों के लिए काम करते रहे हैं।


नीतीश कुमार ने मदरसा बोर्ड के शताब्दी समारोह में यह भी कहा कि उनकी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या 2005 से पहले मुसलमानों के लिए कोई काम हुआ था।


इस बीच, राजद और कांग्रेस ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने मदरसा शिक्षकों को बुलाकर उनका अपमान किया। शिक्षकों की बहाली में देरी के कारण नाराज शिक्षकों ने हंगामा किया और नारेबाजी की।