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निरमा यूनिवर्सिटी का नया उपकरण: माइग्रेन से राहत का अनोखा तरीका

अहमदाबाद की निरमा यूनिवर्सिटी ने 'Cerebre' नामक एक नया उपकरण विकसित किया है, जो सिरदर्द और माइग्रेन से राहत प्रदान करता है। यह डिवाइस बिना किसी दवा के काम करती है और केवल 20-35 मिनट में प्रभावी होती है। इसके साथ ही, यह बच्चों के लिए भी फायदेमंद है। जानें इस उपकरण की विशेषताएँ और इसके विकास की कहानी।
 

माइग्रेन के लिए नई तकनीक


अहमदाबाद: सिरदर्द और माइग्रेन के लिए दर्द निवारक दवाओं का उपयोग सामान्य है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका लंबे समय तक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है? अहमदाबाद की निरमा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और छात्रों ने एक अभिनव उपकरण 'Cerebre: The Migraine Curing Device' विकसित किया है, जो सिरदर्द और माइग्रेन को कुछ ही मिनटों में बिना दवा के ठीक कर सकता है।


दवाओं के दुष्प्रभाव
निरमा यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन की सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रियंवदा पारिख ने बताया कि आजकल के युवा अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण मानसिक तनाव और सिरदर्द का सामना कर रहे हैं। इसके लिए वे अक्सर दर्द निवारक दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन इन दवाओं के दुष्प्रभाव किडनी और लीवर पर पड़ सकते हैं।


इस समस्या का समाधान निकालने के लिए निरमा यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के प्रोफेसरों और छात्रों ने 'Cerebre' नामक एक विशेष डिवाइस तैयार की है। यह डिवाइस सिरदर्द को कुछ ही मिनटों में ठीक कर देती है। यह एक सामान्य बेल्ट की तरह दिखती है, लेकिन यह एक नॉन-इनवेसिव, ड्रग-फ्री डिवाइस है, जिसे माइग्रेन के लिए लक्षित वाइब्रेशन थेरापी के माध्यम से डिजाइन किया गया है।


डिवाइस की विशेषताएँ
यह डिवाइस सिर के विभिन्न माइग्रेन स्पॉट्स पर काम करने के लिए 6 LPA मोटर्स से लैस है, जो 50 Hz से 150 Hz तक की सॉफ्ट ट्यून वाइब्रेशन्स उत्पन्न करती हैं। इसे एक कंट्रोलर से जोड़ा गया है, जिससे उपयोगकर्ता विभिन्न फ्रिक्वेंसी पर मोटर्स को नियंत्रित कर सकता है। इस तरह, व्यक्ति उस स्थान पर डिवाइस को रख सकता है जहां दर्द हो रहा है और कंट्रोलर के माध्यम से मोटर को सक्रिय कर सकता है।


इस डिवाइस का मुख्य लाभ यह है कि यह सिरदर्द और माइग्रेन से राहत प्रदान करती है। यह बच्चों के लिए भी फायदेमंद है, जिनकी याददाश्त कमजोर है। आमतौर पर, यदि माइग्रेन का दर्द केंद्र में होता है, तो यह लंबवत स्थिति में होता है, जबकि यदि यह साइड में है, तो यह तिरछी दिशा में होता है। इस डिवाइस में लगे मोटर माइग्रेन के विपरीत दिशा में फ्रिक्वेंसी बल देते हैं, जिससे दर्द कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाता है।


इस प्रकार, व्यक्ति बिना किसी दर्दनिवारक दवा के केवल 20-35 मिनट में माइग्रेन से राहत पा सकता है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य युवाओं को दर्दनिवारक दवाओं से दूर रखना और उनके महत्वपूर्ण अंगों, जैसे किडनी और लीवर को स्वस्थ रखना है। इस डिवाइस का सफल परीक्षण लगभग 150 उपयोगकर्ताओं पर किया गया है। इसे विकसित करने में लगभग दो महीने का समय लगा। यह प्रोजेक्ट 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' कोर्स के तहत शुरू किया गया था और इसे डॉ. प्रियंवदा पारिख और प्रोफेसर किशनकुमार पटेल द्वारा मार्गदर्शित किया गया।


पुरस्कार और मान्यता
वर्तमान में इस डिवाइस के लिए एक प्रोविजनल पेटेंट फाइल किया गया है। इसके अलावा, इस प्रोजेक्ट को 'Association Design of India' द्वारा तीन श्रेणियों में पुरस्कार मिला है: बेस्ट डिजाइन, बेस्ट प्रोटोटाइप और बेस्ट फंक्शनलिटी। इसे 'Young Designers League' में भी प्रथम रनर-अप का पुरस्कार मिला है, जो अवंतिका यूनिवर्सिटी, उज्जैन और MITID, इंदौर द्वारा आयोजित किया गया था।