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नितिन गडकरी ने लोक प्रशासन में अनुशासन के लिए अदालती मामलों की आवश्यकता पर जोर दिया

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक समारोह में लोक प्रशासन में अनुशासन बनाए रखने के लिए अदालती मामलों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अदालतों के आदेश से ऐसे कार्य संभव हैं जो सरकार नहीं कर सकती। गडकरी ने 'कुशल संगठकों' की प्रशंसा की, जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र में सरकार के गलत निर्णयों के खिलाफ कानूनी लड़ाइयाँ लड़ीं। इसके अलावा, उन्होंने वैश्विक संघर्षों और युद्ध की संभावनाओं पर भी चिंता व्यक्त की।
 

सरकारी अनुशासन के लिए अदालती मामलों की आवश्यकता

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोक प्रशासन में अनुशासन बनाए रखने के लिए सरकार के खिलाफ अदालती मामलों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। नागपुर में स्वर्गीय प्रकाश देशपांडे स्मृति कुशल संगठक पुरस्कार समारोह में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि अदालतों के आदेश से ऐसे कार्य संभव हैं जो सरकार नहीं कर सकती। गडकरी ने सुझाव दिया कि समाज में कुछ व्यक्तियों को सरकार के खिलाफ अदालत में याचिका दायर करनी चाहिए, जिससे राजनेताओं में अनुशासन आएगा। उन्होंने कहा कि कई बार मंत्री भी ऐसे कार्य नहीं कर सकते जो अदालत के आदेश से संभव हो। लोकप्रिय राजनीति कई बार राजनेताओं और मंत्रियों के निर्णयों में बाधा डालती है।


 


गडकरी ने बताया कि इस कार्यक्रम में 'कुशल संगठक' के रूप में सम्मानित व्यक्तियों ने सरकार के खिलाफ कई कानूनी लड़ाइयाँ लड़ी हैं। भाजपा नेता, जो देश में सड़क नेटवर्क में सुधार के लिए जाने जाते हैं, ने कहा कि 'कुशल संगठकों' ने शिक्षा क्षेत्र में सरकार के 'गलत' निर्णयों के खिलाफ कई अदालती मामले दायर किए और कई बार सरकार को अपने निर्णय वापस लेने के लिए मजबूर किया।


 


गडकरी ने रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान संघर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि महाशक्तियों की तानाशाही और निरंकुशता के कारण वैश्विक स्तर पर संघर्ष का माहौल बन रहा है। उन्होंने भारत को बुद्ध की भूमि बताते हुए कहा कि हमें दुनिया को सत्य, अहिंसा और शांति का संदेश देने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की समीक्षा के बाद भविष्य की नीति निर्धारित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान संघर्षों के कारण विश्व युद्ध 'कभी भी' छिड़ सकता है और युद्ध से संबंधित तकनीकी प्रगति मानवता की रक्षा को कठिन बना रही है।