नितिन गडकरी ने कांग्रेस पर लगाया हिंदू-मुस्लिम विवाद का आरोप
गडकरी का बयान
नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा और उसकी वोट बैंक की राजनीति के कारण देश में आज भी ‘हिंदू-मुस्लिम समस्याएं’ बनी हुई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अंग्रेजी शब्द ‘सेक्युलर’ का सही हिंदी अर्थ ‘सर्वधर्म भाव’ है, जिसका मतलब है सभी के लिए न्याय, न कि किसी का तुष्टिकरण, जैसा कि कांग्रेस ने इसे प्रस्तुत किया है।
गडकरी ने कहा कि कांग्रेस को 1947 के बाद शासन का अवसर मिला, लेकिन उन्होंने अपनी विचारधारा के अनुसार कुछ ऐसे बीज बोए, जिसके परिणामस्वरूप आजादी के बाद हिंदू-मुस्लिम समस्याएं उत्पन्न हुईं।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के ‘सेक्युलरवाद’ ने इन समस्याओं को जन्म दिया है, जिनका सामना आज भी देश कर रहा है।
सेक्युलर का सही अर्थ
गडकरी ने कहा, ‘सेक्युलर का अर्थ शब्दकोश में देखें। इसका अर्थ ‘धर्मनिरपेक्ष’ नहीं है। इसका सही अर्थ है ‘सर्वधर्म समभाव’। सभी के साथ न्याय करना और किसी का तुष्टिकरण न करना ही इसका असली मतलब है।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि 1947 के बाद धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा के कारण जो समस्याएं उत्पन्न हुईं, वे आज भी हमारे लिए चुनौती बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति ने इन समस्याओं को बढ़ावा दिया है।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम
गडकरी ने उदय माहुरकर की पुस्तक ‘माई आइडिया ऑफ नेशन फर्स्ट: रीडिफाइनिंग अनअलॉयड नेशनलिज्म’ के विमोचन के अवसर पर यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अतीत की गलतियों से सीखना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराते हुए कहा, ‘भारत एक सेक्युलर देश है, यह हमेशा से ऐसा रहा है और आगे भी रहेगा।’
भारतीय संस्कृति का महत्व
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति, हिंदू संस्कृति और सनातन संस्कृति के कारण ही हम ‘विश्व का कल्याण हो’ की भावना रखते हैं। गडकरी ने नेहरू-गांधी परिवार पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि हम कभी नहीं कहते ‘मेरा कल्याण हो, मेरे परिवार का कल्याण हो।’
गडकरी ने यह भी कहा कि इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है कि किसी हिंदू राजा ने दूसरों के धार्मिक स्थलों को नष्ट किया हो। उन्होंने कहा, ‘यह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है, और हम ‘अधिकारवादी’ या ‘विस्तारवादी’ नहीं हैं।’