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नितिन गडकरी का बयान: हिंदुत्व और सच्ची धर्मनिरपेक्षता का महत्व

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक समारोह में हिंदुत्व और सच्ची धर्मनिरपेक्षता के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि सच्ची धर्मनिरपेक्षता सभी धर्मों के प्रति समान व्यवहार करने में निहित है और हिंदुत्व किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है। गडकरी ने भाजपा के नए अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के चुनाव का भी उल्लेख किया और सामाजिक समानता के लक्ष्यों को केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। जानें उनके विचार और भाजपा की दिशा में उठाए गए कदम।
 

सच्ची धर्मनिरपेक्षता का अर्थ

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि सच्ची धर्मनिरपेक्षता का मतलब सभी धर्मों के प्रति समान व्यवहार करना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदुत्व किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि उनकी पार्टी का मानना है कि किसी व्यक्ति का मूल्य उसकी जाति, धर्म या लिंग से नहीं, बल्कि उसके नैतिक मूल्यों और चरित्र से निर्धारित होता है।


हिंदुत्व का व्यापक अर्थ

गडकरी ने कहा कि हिंदुत्व कोई संकीर्ण शब्द नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे जीवन जीने के तरीके के रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने बताया कि धर्म का अर्थ कर्तव्य है, जैसे एक शिक्षक अपने कर्तव्य को मानता है। हिंदुत्व का अर्थ राष्ट्रवाद और भारतत्व है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हिंदुत्व किसी धर्म के खिलाफ नहीं होगा। धर्मनिरपेक्षता का सही अर्थ सभी धर्मों के बीच सद्भाव है।


सामाजिक समानता की दिशा में कदम

इस समारोह में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रवींद्र चव्हाण को भाजपा की महाराष्ट्र इकाई का नया अध्यक्ष चुना गया। गडकरी ने कहा कि हमें समाज से अस्पृश्यता और जातिवाद को समाप्त करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने फुले, शाहू महाराज और डॉ. आंबेडकर द्वारा निर्धारित सामाजिक और आर्थिक समानता के लक्ष्यों को केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रहने देने की आवश्यकता पर जोर दिया।


भाजपा की कार्यशैली

गडकरी ने भाजपा को एक विनम्र कार्यकर्ताओं की पार्टी बताया और कहा कि जिन लोगों की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, उनका भविष्य केवल इसी पार्टी में है। उन्होंने सामाजिक सद्भाव बनाए रखने और सुशासन के महत्व पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि राजनीतिक शक्ति का उपयोग केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने के लिए होना चाहिए।


मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने त्रिविवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे लोग नहीं हैं जो बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजते हुए हिंदी का विरोध करते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि कोई बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल में पढ़ता है और फिर हिंदी पर सवाल उठाता है, तो यह अस्वीकार्य है।