नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियाँ: भारत का हिंदू धर्म में उत्थान और वैश्विक प्रभाव
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और भविष्यवाणियाँ
हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच का माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये दोनों देश युद्ध की स्थिति में पहुँच सकते हैं।
इसके अलावा, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे अन्य एशियाई देशों में भी असंतोष और अशांति का माहौल है। यूरोप में भी स्थिति चिंताजनक है, खासकर यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष के कारण।
इस बीच, प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की एक पुरानी भविष्यवाणी फिर से चर्चा का विषय बन गई है, जिसने लोगों को चौंका दिया है।
उन्होंने कहा था कि भारत को अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करना चाहिए, अन्यथा दुश्मन उसे चौंका सकता है। नास्त्रेदमस ने यह भी संकेत दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की संभावना है, यदि सावधानी नहीं बरती गई।
उनकी भविष्यवाणी में यह भी कहा गया है कि 2025 में भीषण गर्म हवाएँ चलेंगी और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव दुनिया पर पड़ेगा, विशेषकर यूरोप में।
हिंदू धर्म का उत्थान और भविष्यवाणियाँ
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों में हिंदू धर्म के उत्थान और भारत के विश्वगुरु बनने की बात भी शामिल है। उन्होंने लिखा है कि:
- एक महान हिंदू नेता दक्षिण भारत से उभरेगा, जो वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालेगा।
- यह नेता गुरुवार को पवित्र मानते हुए पूजा-पाठ से जुड़ा रहेगा।
- यह नेता शांति के साथ-साथ शत्रुओं का सफाया भी करेगा।
- भारत की संस्कृति, योग और वेदांत पूरी दुनिया में फैलेंगे।
- रूस जैसे शक्तिशाली देश भी हिंदू धर्म को अपनाने में आगे आएंगे।
उन्होंने अपनी एक कविता (Quatrain 95, Century III) में लिखा:
‘The creed of the Moor will perish,
Followed be another more popular still,
The Dnieper will be the first to relish,
The wisdom which imposes its will.’
इसका अर्थ है कि एक पुराना धर्म समाप्त होगा और उसकी जगह एक नया, अधिक लोकप्रिय धर्म उभरेगा, जो हिंदू संस्कृति से संबंधित होगा। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी स्पष्ट रूप से कहती है कि 21वीं सदी भारत की होगी। भारत न केवल एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरेगा, बल्कि इसकी संस्कृति, ज्ञान और दर्शन भी वैश्विक स्तर पर फैलेंगे।