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नासिक में आदिवासी श्रमिक के लापता होने पर प्रदर्शन, पुलिस पर पथराव

महाराष्ट्र के नासिक में एक आदिवासी श्रमिक के लापता होने के बाद उसके परिवार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कलवण पुलिस थाने पर पथराव किया, जिसमें एक पुलिसकर्मी और एक पत्रकार घायल हो गए। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके प्रभाव।
 

नासिक में लापता श्रमिक के मामले में प्रदर्शन

महाराष्ट्र के नासिक में एक आदिवासी श्रमिक के लापता होने के बाद उसके पिता और पुत्र के खिलाफ अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर भीड़ ने कलवण पुलिस थाने पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर मामले की जांच में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया।


एक अधिकारी ने बताया कि विठोबा गुलाबराव पवार के परिवार और अन्य लोग पिछले कुछ दिनों से थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा, "श्रमिक विठोबा पवार शुक्रवार से लापता है। परिजनों का आरोप है कि उसका अपहरण किया गया है और उसके नियोक्ता बाबू त्रिंबक शिंदे और उनके बेटे राहुल शिंदे ने पवार के साथ मारपीट की।"


अधिकारी ने आगे बताया कि पिता-पुत्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही भीड़ ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। शनिवार सुबह, जब भीड़ ने पुलिस थाने में घुसने की कोशिश की, तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने थाने पर पथराव कर दिया। इस घटना में एक पुलिसकर्मी और एक पत्रकार घायल हो गए, साथ ही कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचा।