नासिक कुंभ मेला 2026-2028: तिथियों और तैयारियों का ऐलान
कुंभ मेले की तिथियों की घोषणा
नासिक में होने वाले अगले कुंभ मेले की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में की गई।
सीएम फडणवीस ने जानकारी दी कि नासिक-त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभ मेला 31 अक्टूबर 2026 को ध्वजारोहण के साथ प्रारंभ होगा, जबकि गोदावरी में पहला अमृत स्नान 2 अगस्त 2027 को होगा।
बैठक में शामिल प्रमुख व्यक्ति
इस बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रमुख और दो-दो साधु-महंत भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि इस भव्य आयोजन की तैयारी ऐसी होगी कि पूरी दुनिया इसे देखकर हैरान रह जाएगी।
स्नान की तिथियाँ और व्यवस्थाएँ
रिपोर्ट के अनुसार, सिंहस्थ कुंभ मेले की शुरुआत 31 अक्टूबर 2026 को नासिक और त्र्यंबकेश्वर के रामकुंड में ध्वजारोहण के साथ होगी। इसके बाद 29 जुलाई 2027 को नासिक में नगर प्रदक्षिणा होगी। पहले अमृत स्नान की तिथि 2 अगस्त 2027 है, इसके बाद दूसरे और तीसरे स्नान क्रमशः 31 अगस्त और 11 सितंबर को नासिक में तथा 12 सितंबर को त्र्यंबकेश्वर में होंगे। 24 जुलाई 2028 को ध्वज उतारने की प्रक्रिया होगी, जो इस 12 वर्षीय मेले के समापन का प्रतीक होगा।
प्रस्तावित कार्य और बजट
मुख्यमंत्री ने बताया कि 4,000 करोड़ रुपये की लागत वाले कार्यों के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं, और 2,000 करोड़ रुपये के अन्य कार्यों के लिए भी टेंडर जल्द ही जारी किए जाएंगे। इसमें सीवेज शोधन संयंत्र, गोदावरी नदी की सफाई और साधुग्राम के लिए भूमि अधिग्रहण शामिल हैं।
भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा
फडणवीस ने कहा कि भीड़ नियंत्रण और प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भगदड़ जैसी स्थिति न बने। उन्होंने बताया कि अमृत स्नान की तिथियाँ पहले से घोषित की गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को केवल विशेष दिनों पर आने की आवश्यकता नहीं होगी।
सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कुंभ मेले को यादगार बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने महंत राजेंद्रदास महाराज के सुझाव को स्वीकार किया कि 'शाही स्नान' को 'अमृत स्नान' कहा जाना चाहिए।
फडणवीस ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आगामी कुंभ मेला सुरक्षित और पवित्र वातावरण में आयोजित हो। श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
पवित्रता बनाए रखने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोदावरी नदी की पवित्रता और निरंतर प्रवाह को बनाए रखना कुंभ का प्राथमिक उद्देश्य है। इसके लिए सीवेज और अपशिष्ट जल के प्रबंधन पर काम जारी है, ताकि नदी में केवल स्वच्छ जल ही प्रवाहित हो।