नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा
बालोद में नाबालिग से दुष्कर्म का मामला
बालोद। बालोद जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो) कृष्ण कुमार सूर्यवंशी ने आरोपी विनोद कुमार साहू (26) को यह सजा सुनाई है।
आरोपी को धारा 363 के तहत पांच साल की सश्रम कारावास और 1000 रुपए का अर्थदंड, धारा 366 के तहत सात साल की सश्रम कारावास और 1000 रुपए का अर्थदंड, और लैंगिक अपराध की धारा 6 के तहत 20 साल की सश्रम कारावास और 1000 रुपए का अर्थदंड दिया गया। इसके अलावा, व्यतिक्रम के लिए छह-छह महीने का अतिरिक्त कारावास भी लगाया गया।
विशेष लोक अभियोजक बसंत कुमार देशमुख के अनुसार, पीड़िता ने 8 अगस्त 2021 को थाना पुरूर में मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया कि 4 अगस्त 2021 की रात को सभी परिवार के सदस्य सो गए थे, लेकिन सुबह उठने पर उसकी नाबालिग बेटी अपने कमरे में नहीं थी। इस सूचना पर उप निरीक्षक बलराम कोसे ने धारा 363 के तहत मामला दर्ज किया।
उप निरीक्षक खगेंद्र पठारे ने 9 सितंबर 2021 को आरोपी के कब्जे से पीड़िता को बस स्टैंड भाठागांव, गुंडरदेही से बरामद किया। पीड़िता ने बताया कि आरोपी उसके गांव में अपने मामा के घर मेहमान आया था, जहां उसकी उससे जान-पहचान हुई। आरोपी ने शादी करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन पीड़िता ने नाबालिग होने के कारण मना कर दिया।
पीड़िता ने बताया कि एक दिन आरोपी ने उसे भागकर शादी करने के लिए कहा और 4 अगस्त 2021 को स्कूटी से उसे खपरी बंजारी मंदिर तिल्दा नेवरा ले गया। वहां आरोपी ने उसकी मांग भरकर मंगलसूत्र पहनाया और फिर अपने दोस्त के घर पुसौर रायगढ़ ले जाकर शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद भोपाल ले जाकर किराए के मकान में रखा, जहां भी रोजाना शारीरिक संबंध बनाता था।
भोपाल में लगभग एक महीने रहने के बाद आरोपी ने उसे भाठागांव (बी) थाना रनचिरई लेकर आया और रिश्तेदार के यहां रखा, जहां भी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए गए। पीड़िता के बयान के आधार पर धारा 366, 376 (2) (एन) और संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4, 5 (ठ)/6 के तहत अभियोग पत्र पेश किया गया।