नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा
विशेष अदालत का फैसला
विशेष पॉक्सो अदालत क्रम-3 ने एक नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में सौरभ सिंह को 20 साल की कठोर सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 65,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म का अपराध साबित हुआ है, और यदि पीड़िता की सहमति भी हो, तो भी इसे दुष्कर्म माना जाएगा, क्योंकि कानून के अनुसार नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं है।
घटना का विवरण
अभियोजन पक्ष की विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि 3 अप्रैल को पीड़िता की नानी ने शिवदासपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि सौरभ सिंह ने पीड़िता को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। इसके अलावा, पीड़िता घर से 1,25,000 रुपये भी लेकर गई थी। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 7 अक्टूबर को अभियुक्त को गिरफ्तार किया और अदालत में आरोप पत्र पेश किया।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने बताया कि पीड़िता की सौरभ के साथ सोशल मीडिया पर दोस्ती हुई थी। अभियुक्त ने उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाकर उसे बालिग बताकर विवाह कर लिया। इस दौरान पीड़िता गर्भवती भी हो गई। अभियोजन पक्ष ने अदालत से अनुरोध किया कि नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं है, इसलिए अभियुक्त को दंडित किया जाए।
दूसरे मामले में सजा
एक अन्य मामले में, महिला उत्पीड़न मामलों की विशेष अदालत ने एक पड़ोसी किराएदार द्वारा विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में अनिल सिंह को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह घटना 17 जुलाई, 2020 को बगरू थाने में दर्ज कराई गई थी।