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नागपुर पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का किया भंडाफोड़

नागपुर पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो 21 राज्यों में सक्रिय था। इस गिरोह ने 20 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध लेनदेन किया और 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह की जटिल कार्यप्रणाली और धन हस्तांतरण के तरीके ने पुलिस को चुनौती दी, लेकिन एक जागरूक नागरिक की सूचना पर कार्रवाई की गई। जानें इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

नागपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई

नागपुर पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो 21 भारतीय राज्यों में लोगों को ठगने में संलिप्त था। यह गिरोह चीन और कंबोडिया से गहरे संबंध रखता था और कई महीनों से विभिन्न राज्य पुलिस बलों की निगरानी में था। पुलिस ने इस मामले में 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अन्य अभी भी फरार हैं। नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र सिंघल के अनुसार, यह कार्रवाई हाल के वर्षों में साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ सबसे बड़ी समन्वित कार्रवाई में से एक मानी जा रही है। इस गिरोह ने 20 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध नकद लेनदेन कई फर्जी खातों के माध्यम से किया।


जालसाज़ों की चालाकी

इस गिरोह की कार्यप्रणाली अत्यंत जटिल और भ्रामक थी। आरोपी, व्यापारिक साझेदारी के बहाने दिहाड़ी मजदूरों और बेरोजगार युवाओं से संपर्क करते थे। वे पहले उनका विश्वास जीतते थे और फिर उनके आधार और पैन कार्ड की जानकारी इकट्ठा कर लेते थे। इन दस्तावेजों का उपयोग करके, वे बिना किसी अवैध लेनदेन की जानकारी के उनके नाम पर बैंक खाते खोल लेते थे। इन खातों का उपयोग हवाला, ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी और सट्टेबाजी से जुड़े बड़े पैमाने पर धन हस्तांतरण के लिए किया जाता था। खाताधारकों को अनजाने में अपनी पहचान बताने के लिए 2,000 से 25,000 रुपये तक का छोटा कमीशन दिया जाता था।


धन हस्तांतरण का नेटवर्क

यह गिरोह अपनी गतिविधियों के समन्वय के लिए टेलीग्राम और अन्य एन्क्रिप्टेड संचार माध्यमों का उपयोग करता था। जब इन किराए के खातों में धन जमा होता था, तो इसे अवैध तरीकों से तेजी से विदेश, मुख्यतः कंबोडिया और चीन, स्थानांतरित कर दिया जाता था। पुलिस आयुक्त डॉ. सिंघल ने बताया कि गोंदिया जिले के एक जागरूक नागरिक ने अपने खाते में 1.73 करोड़ रुपये जमा होने की सूचना मिलने पर पुलिस से संपर्क किया। इसी सूचना के आधार पर इस बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ। इसके बाद नागपुर क्राइम ब्रांच ने पूरे नेटवर्क का पता लगाया और बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, सिम कार्ड और 54 लाख रुपये नकद जब्त किए।