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नांदेड़ में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति, सेना और SDRF की मदद से चल रहा बचाव कार्य

नांदेड़ में हाल ही में हुई भारी बारिश ने बाढ़ की गंभीर स्थिति पैदा कर दी है, जिससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं। SDRF और भारतीय सेना की मदद से नागरिकों को सुरक्षित निकालने का कार्य जारी है। जिलाधिकारी ने बताया कि 200 से अधिक लोग फंसे हुए हैं और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी दी है।
 

नांदेड़ में बाढ़ की गंभीर स्थिति

मराठवाड़ा के कुछ क्षेत्रों में पिछले कुछ घंटों से हो रही मूसलधार बारिश ने गंभीर हालात उत्पन्न कर दिए हैं। नांदेड़ के मुखेड़ तालुका में रविवार रात बादल फटने से भारी बारिश हुई, जिसके कारण छह गांव जलमग्न हो गए हैं। जलस्तर में वृद्धि के चलते नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को तैनात किया गया है, और बचाव कार्य के लिए छोटी नावों का उपयोग किया जा रहा है।
 
नांदेड़ जिले में भारी बारिश के कारण 200 से अधिक लोग विभिन्न गांवों में फंस गए हैं, जिसके चलते अधिकारियों को भारतीय सेना की सहायता लेनी पड़ रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार और मंगलवार के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी करते हुए नांदेड़ जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया है。


नांदेड़ के जिलाधिकारी का बयान


नांदेड़ के जिलाधिकारी राहुल कार्डिले ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों की सहायता के लिए भारतीय सेना की एक टुकड़ी को बुलाया गया है। उन्होंने कहा, 'मुखेड क्षेत्र में 15 सदस्यों की सेना की टुकड़ी तैनात की जाएगी। बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है, और मैंने तेलंगाना के सिंचाई विभाग के सचिव से संपर्क किया है।'


जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) ने रविवार को मुखेड तालुका के रावणगांव और हसनाल गांवों में फंसे 21 लोगों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने कहा, 'रावणगांव, हसनाल, भासवाडी और भिंगोली गांवों में 200 से अधिक लोग फंसे हुए हैं, और उन्हें बचाने के प्रयास जारी हैं। जरूरत पड़ने पर लातूर में तैनात बचाव दलों को भी बुलाया जाएगा।'


बचाव कार्य की स्थिति


बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है, और हमें हदगांव, हिमायतनगर और किनवट में टीम की आवश्यकता हो सकती है। गोदावरी बेसिन के किनारे स्थित गांवों को भी अलर्ट किया गया है। रविवार को छत्रपति संभाजीनगर, जालना, नांदेड़ और परभणी जिलों के 80 राजस्व मंडलों में 65 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई। नांदेड़ के मार्खेल सर्कल में सबसे अधिक 154.75 मिलीमीटर बारिश हुई।