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नवी मुंबई में सुरक्षा गार्ड को दुष्कर्म के लिए 10 साल की सजा

नवी मुंबई की एक अदालत ने 44 वर्षीय सुरक्षा गार्ड को 2016 में एक महिला के साथ दुष्कर्म करने के लिए 10 साल की कठोर सजा सुनाई है। आरोपी ने पुलिस अधिकारी का भेष धारण कर महिला से जबरन पैसे मांगे और उसे एक लॉज में ले जाकर दुष्कर्म किया। अदालत ने इस मामले में सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के फैसले के पीछे की कहानी।
 

नवी मुंबई की अदालत का फैसला

नवी मुंबई की एक अदालत ने 44 वर्षीय सुरक्षा गार्ड को 2016 में एक महिला के साथ दुष्कर्म करने के मामले में 10 साल की कठोर सजा सुनाई है।


बेलापुर की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पराग ए साने ने आरोपी सागर बाबूराव धुलप को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 170 (लोक सेवक का भेष धारण करना) और 384 (जबरन वसूली) के तहत दोषी ठहराया।


अदालत ने उसे बलात्कार के लिए 10 साल, पुलिस अधिकारी का भेष धारण करने के लिए 2 साल और जबरन वसूली के लिए 3 साल की कठोर सजा सुनाई। इसके साथ ही, उस पर 1,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया और सभी सजाएं एक साथ चलने का आदेश दिया गया।


यह निर्णय 15 दिसंबर को सुनाया गया था, जिसकी प्रति सोमवार को प्राप्त हुई। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 13 फरवरी 2016 को पीड़िता और उसका मित्र कुर्ला में एक लॉज में गए, जहां आरोपी ने पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें रोका।


धुलप ने पीड़िता, जो उस समय 22 वर्ष की थी, के माता-पिता को इसके बारे में बताने की धमकी दी और उससे 30,000 रुपये की मांग की। आरोपी ने उसे जबरन टर्भे स्थित एक लॉज में ले जाकर दुष्कर्म किया। न्यायाधीश साने ने बचाव पक्ष के इस तर्क को खारिज कर दिया कि सार्वजनिक स्थान पर महिला का मदद के लिए शोर न मचाना आपसी सहमति का संकेत है।