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नवरात्रि में कुट्टू की पूरी बनाने में आम गलतियाँ और उनके समाधान

नवरात्रि के दौरान कुट्टू की पूरी बनाना एक कला है, लेकिन कई लोग कुछ सामान्य गलतियाँ कर देते हैं। इस लेख में, हम उन 5 प्रमुख गलतियों के बारे में चर्चा करेंगे जो कुट्टू की पूरी को खराब कर सकती हैं। जानें कि कैसे सही बाइंडिंग एजेंट का उपयोग, सही पानी की मात्रा, और सही तापमान पर तला हुआ पूरी बनाने से आपके पकवान को बेहतरीन बना सकता है। इन सरल टिप्स के साथ, आप अपने उपवास के दौरान स्वादिष्ट और मुलायम कुट्टू की पूरी बना सकते हैं।
 

कुट्टू की पूरी बनाने में सावधानियाँ


नवरात्रि के उपवास के दौरान फलाहार में कुट्टू के आटे से बनी पूरी भी शामिल होती हैं। हालांकि, कुट्टू का आटा गेहूं के आटे से पूरी तरह अलग होता है। यह ग्लूटेन-फ्री है, जिससे इसकी लोच कम होती है। इसलिए, कुट्टू के आटे की पूरी बनाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो बेहतरीन, मुलायम और स्वादिष्ट पूरी बनाई जा सकती है। आइए जानते हैं कुट्टू की पूरी बनाने में होने वाली 5 गलतियों के बारे में।

बाइंडिंग एजेंट का न डालना।
यह सबसे बड़ी और सामान्य गलती है। गेहूं के आटे में ग्लूटेन होता है, जो आटे को बांधता है और इसे लोचदार बनाता है। कुट्टू के आटे में ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए अगर इसे केवल पानी के साथ गूंधा जाए, तो यह टूट जाएगा, जिससे पूरी बनाना असंभव हो जाएगा। इसलिए, कुट्टू के आटे को गूंधते समय इसमें थोड़ा उबला हुआ आलू या सिंघाड़े का आटा मिलाएं। इससे आटा गूंधना आसान होगा और पूरी का स्वाद भी बेहतर होगा।

बहुत अधिक पानी डालना
कुट्टू के आटे की पानी सोखने की क्षमता गेहूं के आटे से अलग होती है। बहुत अधिक पानी डालने से आटा चिपचिपा और नरम हो जाएगा, जिससे बेलना मुश्किल होगा। ऐसा आटा तेल में डालने पर फट सकता है या चिपक सकता है। इसलिए, पानी धीरे-धीरे और छोटे हिस्सों में डालें। थोड़ा सख्त आटा बेलने में मदद करेगा। आटा थोड़ा सख्त रहना चाहिए। अगर आटा चिपचिपा हो, तो थोड़ा और कुट्टू का आटा डालें।

बहुत पतली पूरी बेलना
गेहूं की पूरी पतली बेलने पर कुरकुरी होती हैं, लेकिन कुट्टू की पूरी अगर बहुत पतली बेलेंगी, तो वे कठोर हो जाएंगी। इसके अलावा, पतली पूरी फटने की अधिक संभावना होती है। इसलिए, कुट्टू की पूरी को मध्यम मोटाई में बेलें, जो गेहूं की पूरी से थोड़ी मोटी हो। इससे पूरी तलने पर फूलेंगी और अंदर से मुलायम रहेंगी। बेलते समय थोड़ा तेल लगाने से आटा चिपकने से बचता है।

तेल को बहुत अधिक या बहुत कम गर्म करना
तेल का तापमान पूरी की परिपूर्णता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर तेल बहुत गर्म है, तो पूरी नहीं फूलेंगी। लेकिन अगर तेल बहुत गर्म है, तो पूरी की बाहरी सतह तुरंत जल जाएगी, जबकि अंदर की सतह कच्ची रह जाएगी।

एक बार में बहुत सारी पूरी तलना
कुट्टू की पूरी को हमेशा एक या दो एक साथ तलना चाहिए। एक साथ बहुत सारी पूरी डालने से वे आपस में चिपक सकती हैं और सही तरीके से नहीं फूलेंगी। कढ़ाई में केवल इतना तेल डालें कि पूरी आराम से तैर सके। एक बार में केवल एक पूरी डालें। इसे धीरे से दबाएं ताकि यह समान रूप से फुले। एक तरफ सुनहरा भूरा होने के बाद ही पलटें।

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