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नरकटिया विधानसभा सीट: चुनावी मुकाबले की तैयारी और इतिहास

नरकटिया विधानसभा सीट, जो बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित है, इस बार चुनावी मुकाबले के लिए तैयार है। वर्तमान में आरजेडी का कब्जा है, और शमीम अहमद को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है। जेडीयू और जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं। इस सीट का इतिहास भी दिलचस्प है, जहां आरजेडी ने पिछले दो चुनावों में जीत हासिल की है। जानें इस सीट के चुनावी समीकरण और उम्मीदवारों के बारे में अधिक जानकारी।
 

नरकटिया विधानसभा सीट का परिचय

नरकटिया विधानसभा क्षेत्र बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित है। यह सामान्य सीटों में से एक मानी जाती है। वर्तमान में इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल का नियंत्रण है। इस क्षेत्र में कई राजनीतिक दलों ने सत्ता संभाली है, जिनमें आरजेडी, जेडीयू और एलजेपी शामिल हैं। 2010 में इस सीट पर पहली बार चुनाव हुए थे, इससे पहले इसे शिकारपुर के नाम से जाना जाता था। स्थानीय मुद्दे इस सीट पर चुनावी परिणामों को प्रभावित करते हैं। नरकटिया विधानसभा सीट पर दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होने वाला है.


चुनाव में मुकाबला

राष्ट्रीय जनता दल ने इस बार शमीम अहमद को अपना उम्मीदवार बनाया है। जेडीयू ने विशाल शाह को टिकट दिया है, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने लाल बाबू यादव को चुनावी मैदान में उतारा है.


नरकटिया सीट का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के शमीम अहमद ने इस सीट पर जीत हासिल की थी, उन्हें कुल 85,562 वोट मिले थे। जेडीयू के श्याम बिहारी प्रसाद दूसरे स्थान पर रहे। 2015 में भी शमीम अहमद ने आरजेडी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी। 2010 में जेडीयू के श्याम बिहारी प्रसाद ने इस सीट पर विजय प्राप्त की थी.


यह सीट आरजेडी का गढ़ बन चुकी है, जहां 2015 और 2020 के चुनावों में लगातार जीत मिली। पूर्वी चंपारण में डॉ. शमीम अहमद एक प्रमुख नेता माने जाते हैं। इस बार आरजेडी के लिए इस सीट पर जीत बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा, जबकि अन्य राजनीतिक दलों के लिए भी इसे जीतने का प्रयास रहेगा.