नगरीय निकायों में पेंशनरों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र की सुविधा
जागरूकता अभियान की शुरुआत
प्रदेश के नगरीय निकायों में पेंशनरों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र प्रक्रिया के तहत एक व्यापक जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास के आयुक्त, श्री संकेत भोंडवे ने बताया कि सभी निकायों को डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश और व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
घर पर ही मिलेगा जीवन प्रमाण-पत्र
डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र प्रणाली आधार और बायोमेट्रिक तकनीक पर आधारित है, जिससे पेंशनरों को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे अपने घर से ही ऑनलाइन जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इससे बार-बार कार्यालय जाने की जरूरत खत्म हो जाती है और प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी और त्वरित बन जाती है।
16,500 पेंशनरों को मिलेगा लाभ
प्रदेश के नगरीय निकायों में लगभग 16,500 पेंशनर पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इन पेंशनरों के लिए सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कर्मचारियों और पेंशनरों को डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र के संबंध में पूरी जानकारी प्रदान करें। इसके साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी दिया जाएगा।
डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र की वैकल्पिक सुविधा
डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र एक वैकल्पिक सुविधा है, जबकि पूर्व की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। पेंशनरों के लिए प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए आधार संख्या, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, बैंक में पंजीकृत आधार और अन्य आवश्यक जानकारी होना अनिवार्य है। इसके अलावा, बायोमेट्रिक उपकरण, आरडी सर्विस युक्त उपकरण और जीवन प्रमाण ऐप जैसे तकनीकी साधनों की आवश्यकता होगी, ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी की जा सके।